नई दिल्ली/मंथन डेस्क
सत्यपाल मलिक मेघालय के राज्यपाल हैं.किसान आंदोलन के समर्थन में मुखर रहे हैं. कई बार किसानों के मुद्दे पर सरकार की लाइन से हटकर बयान दे चुके हैं.इतना ही नहीं वह सरकार की आलोचना भी कर चुके हैं.हालांकि कृषि कानूनों की वापसी के बाद मलिक ने पीएम मोदी की प्रशंसा भी की थी.उन्होंने फैसले का स्वागत करते हुए कहा था कि देर आए, दुरुस्त आए.मगर मलिक का एक बार फिर पारा गर्म हो गया है.इसका खुलासा इंडियन एक्सप्रेस ने किया है.अंग्रेज़ी दैनिक की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ पीएम मोदी और राज्यपाल मलिक में जमकर झगड़ा हुआ.यह बात खुद सत्यपाल मलिक ने बतायी.
हरियाणा के दादरी में किसानों के एक कार्यक्रम में मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक रविवार को पहुंचे थे.इसी कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मैं जब किसानों के मामले में प्रधानमंत्री जी से मिलने गया तो उनसे मेरी पांच मिनट में लड़ाई हो गई.वो बहुत घमंड में थे.जब मैंने उनसे कहा कि हमारे 500 लोग मर गए तो उन्होंने कहा कि मेरे लिए मरे हैं क्या.मैंने कहा आपके लिए ही तो मरे थे जो आप राजा बने हुए हो.फिर उन्होंने कहा कि आप अमित शाह से मिल लो.मैं अमित शाह से मिला.
सत्यपाल मलिक यहीं नहीं रुके. इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कृषि कानूनों को वापस लेने के सरकार के फैसले पर कहा कि प्रधानमंत्री ने जो कहा उसके अलावा वो कह भी क्या सकते थे.हमने अपने पक्ष में फैसला कराया है.मलिक ने कहा कि वे राज्यपाल,मंत्री, सांसद व विधायक रह चुके हैं.लेकिन सेवानिवृति के बाद उनके पास रहने के लिए अपना मकान नहीं है.हमेशा ईमानदारी से काम किया.यही उनकी ताकत है.मलिक ने कहा कि इसी ताकत की बदौलत ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पंगा लिया है.
उन्होंने कहा कि लोगों की एकता व सभी परिस्थितियों में डटे रहने की वजह से ही तीनों कृषि कानून वापिस हुए हैं.चौधरी चरण सिंह के दिखाए मार्ग पर चलते हुए वे किसी भी स्थिति में किसानों व अपने लोगों का साथ नहीं छोड़ेंगे.उन्होंने कहा कि यदि दोबारा से आंदोलन हुआ तो वे राज्यपाल पद भी छोड़ देंगे.हालांकि इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार पर किसी प्रकार का समझौता न करने की बात कहने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ भी की है.
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