सेराज अनवर

मगध के मुसलमान एपिसोड-3

PATNA:कभी कांग्रेस का समीकरण सवर्ण,दलित,मुसलमान हुआ करता था.दलित और मुसलमान इस पार्टी में हाशिये पर डाल दिया गया है.पार्टी पर सवर्ण जाति के नेताओं ने इस तरह शिकंजा कस रखा है कि न दलित को हिस्सेदारी मिल पा रही है और न मुसलमान की बारी आ रही है.कहने को पार्टी धर्मनिरपेक्ष है.राहुल गांधी ने मोहब्बत की दुकान तो खोल रखी है लेकिन पार्टी के अंदर ही नेताओं में नफ़रत इतनी भरी हुई है कि मुसलमान बेचारा राज्यसभा,लोकसभा,विधानसभा और विधान परिषद का दरवाज़ा दूर से ही देख कर संतोष कर रहा है.औरंगाबाद लोकसभा से उनको (सवर्ण)ही टिकट चाहिए,राज्यसभा वही जायेंगे,विधान परिषद पर भी उनका ही क़ब्ज़ा रहेगा.

जिसका वोट नहीं मिलता उसको तरजीह

याद नहीं कि कब कांग्रेस ने बिहार से मुसलमान को कब राज्यसभा भेजा,कब विधान परिषद भेजा.आज जब इस समुदाय को विधान परिषद भेजने की बारी आयी है तो फिर वही लोग सक्रीय हैं.जिसका वोट भी कांग्रेस पार्टी को नहीं मिलती.पिछले विधान सभा चुनाव गया ज़िले की टिकारी सीट से कांग्रेस ने सवर्ण जाति को उम्मीदवार बनाया था.मुसलमानों और अन्य जातियों ने कूट कर वोट किया,उनकी अपनी जाति का वोट नहीं मिला और वह चुनाव हार गये.यह सिर्फ़ एक मिसाल है.मदन मोहन झा के मिथिलांचल से कांग्रेस अध्यक्ष होने के बावजूद दरभंगा के कुशेश्वरस्थान विधान सभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को मात्र 4605 वोट मिले थे.मदन मोहन झा की जाति का वोट किसको मिला आप समझ सकते है.यहां से भाजपा समर्थित एनडीए प्रत्याशी को जीत मिली थी.ऐसी कई मिसालें हैं.

मुसलमान का टिकट छिन लिया

2018 में कांग्रेस ने प्रेमचंद्र मिश्रा को बिहार विधान परिषद भेजा.मिश्रा मिथिलांचल से आते हैं,ब्राह्मण जाति के हैं.2018 में ही अखिलेश सिंह को कांग्रेस ने राज्यसभा भेज दिया.अखिलेश भूमिहार जाति से आते हैं.फिर आया 2020,समीर सिंह को कांग्रेस ने एमएलसी बना दिया.समीर सिंह राजपूत जाति से आते हैं.पार्टी ने उम्मीदवार तारिक़ अनवर को बनाया था,उनकी एक बेवक़ूफ़ी से यह सीट समीर सिंह को चला गया.तारिक़ अनवर का पता बिहार के बजाय दिल्ली होने की तकनीकी कारण से उनका टिकट काट कर समीर सिंह को दे दिया गया.क़ायदे से मुस्लिम उम्मीदवार की जगह किसी मुसलमान को ही उम्मीदवारी मिलनी चाहिए थी.मगर मुसलमान तो प्यादा है.सवर्ण जाति के सिपहसलार सक्रीय हुए और मुसलमान का टिकट छिन लिया.इस बार फिर अखिलेश सिंह राज्यसभा चले गए है.विधान परिषद में प्रेमचन्द्र मिश्रा की सीट ख़ाली हो रही है.अभी से लॉबी बनने लगी है कि फ़ॉरवर्ड सीट पर फ़ॉरवर्ड ही जायेगा.मुसलमान यह कहने की स्तिथि में नहीं है कि सब(भूमिहार,ब्राह्मण,राजपूत)गये बारी-बारी,इस बार है हमारी बारी.तारिक़ अनवर वाली सीट(जिस पर समीर सिंह क़ाबिज़ हुए)पर इस बार मुसलमान का हक़ बनता है.

फिर ख़ाली हाथ रह जायेगा मगध

मगध के मुसलमान फिर अपनी सियासी हिस्सेदारी से ख़ाली हाथ रह जायेगा लगता है.राजद के सियासी गलियारे से ख़बर है कि विधान परिषद के लिए होने वाले चुनाव में एक सीट सीमांचल के मुसलमान के खाते में जाने वाली है.मगध की बड़ी मुस्लिम आबादी में इसको लेकर कोई सुगबुगाहट तक नहीं है.न राजद का मुसलमान कुछ बोलता है न कांग्रेस का.सियासी हिस्सेदारी को लेकर कुछ वर्ष पूर्व मगध मुस्लिम मोर्चा की स्थापना की गयी थी.आपसी सियासतबाज़ी में इसका बंटाधार हो गया.मुस्लिम क़ौम भी अन्य जातियों की तरह अपने नेताओं की पीठ पर मज़बूती से खड़ी नहीं है.जिन लोगों की भी राजनीतिक पहचान है उनकी अपनी है.विधान परिषद के बाद लोकसभा में समुदाय खड़ा नहीं हुआ तो मुस्लिम नुमाइंदगी एक ख़्वाब हो जायेगा.

By admin

5 thoughts on “ब्राह्मण,राजपूत,भूमिहार;कांग्रेस में अब मुसलमान की बारी!”
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