NIA कोर्ट ने नोमान अंसारी,हैदर अली उर्फ अब्दुल्लाह उर्फ ब्लैक ब्यूटी, मो.मोजिबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम को फांसी की सजा दी है.साथ ही उमर सिद्दीकी और अजहरूद्दीन को उम्र कैद की सजा दी है. इनके अलावा कोर्ट ने अहमद हुसैन को 10 साल और फिरोज आलम उर्फ पप्पू को सात साल की सजा सुनाई है
कमला कान्त पांडेय/पटना
पटना गांधी मैदान में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में दोषी करार नौ अभियुक्तों सजा का ऐलान कर दिया गया है. विशेष एनआइए कोर्ट के जज गुरविंदर सिंह ने चार दोषियों को फांसी की सज़ा सुनाई है,जबकि दो को उम्र कैद की सजा दी गई है.दो दोषियों को 10 साल और एक को सात साल की सजा सुनाई है.एनआइए के स्पेशल पीपी ललित प्रसाद सिन्हा ने अपना पक्ष रखते हुए 6 दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी,सभी पर 302 सहित IPC की गंभीर धाराएं लगी हैं.इसके पहले बचाव पक्ष ने अपना तर्क रखा.कहा कि ये लोग गरीब तबके के हैं.किसी के मां-बाप नहीं हैं.उन्होंने किसी के दबाव में ऐसी घटना की.इन्हें पुनर्वास का मौका मिलना चाहिए.दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने सजा के ऐलान के लिए दोपहर तीन बजे का वक्त निर्धारित किया था.
बचाव पक्ष के वकील सैयद इमरान गनी
बचाव पक्ष के वकील सैयद इमरान गनी ने कोर्ट के बाहर कहा कि उन्होंने दोषियों के लिए पुनर्वास की मांग की है.क्योंकि, सरकारी वकील इस बात को साबित करने में विफल रहे हैं कि इनका पुनर्वास नहीं हो सकता.उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कई ऐसे फैसले हैं, जिनमें कहा गया है कि जिन अभियुक्तों के पुनर्वास के चांसेज हैं, उनके साथ सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार किया जाए.
नरेंद्र मोदी की सभा में हुआ था ब्लास्ट
गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट तब हुआ था,जब वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान में भाजपा की हुंकार रैली को संबोधित करने के लिए पटना आए थे.इस घटना में 6 लोगों की मौत हो गई थी और 89 लोग घायल हुए थे.इस मामले की जांच एनआईए की टीम ने की है.पिछले 8 साल से यह केस लगातार चल रहा था. सभी को इस मामले में कोर्ट की तरफ से सुनाए जाने वाले फैसले का इंतजार था.केस को अंजाम तक पहुंचाने के लिए जांच एजेंसी एनआइए की टीम और कोर्ट के अंदर एडवोकेट की टीम को कड़ी मेहनत करनी पड़ी है.