•लालू यादव ने मुस्लिम नेतृत्व को कुचलने का काम किया:जमाल
•सरकार के योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाएं: राजकुमार
बेगुसराय/कौनैन
अल्पसंख्यक एक वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया गया है।जब राजनीतिक हिस्सेदारी की बारी आती है तो किसी ने नहीं दिया। मैं धन्यवाद देता हूं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जिन्होंने भाजपा के साथ रहते हुए सेकुलरिज्म का परचम बुलंद रखा। उक्त बातें बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व बेगूसराय सांसद रहे डॉ मोनाजिर हसन ने जिला मुख्यालय स्थित केडीएम पैलेस में आयोजित जदयू अल्पसंख्यक सम्मेलन में उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही एकलौते नेता हैं जो मुसलमानों की फिक्र करते हैं।बाक़ी तो गुमराह कर अपनी वोट हासिल करने का काम किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने काबिल नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर साबित कर दिया कि वह राजनीति में सबकी भागीदारी के पक्षधर हैं।
मौके पर जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मो जमाल ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 2005 से पहले और वर्तमान समय में बिहार के मुसलमानों की क्या स्थिति है।इसे समझा जा सकता है।जब से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं लगातार मुसलमानों के हक में काम कर रहे हैं। चाहे कब्रिस्तान घेराबंदी हो या फिर मदरसा शिक्षकों के समान वेतन हो या फिर अन्य विकास योजनाएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुसलमानों को उनका हिस्सा पहुंचाने का काम किया। उन्होंने अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री के द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं को घर घर तक पहुंचाने एवं बताने का काम करें। साथ ही उन्होंने कहा कि पंद्रह साल तक नीतीश कुमार ने जनता के बीच मजदूरी करने का काम किया है।समय आने पर मेहनताना देना हम मुसलमानों की जिम्मेदारी है। लेकिन चार साल ग्यारह माह ठीक रहते हैं और एक माह के लिए किसी के बहकावे में आकर नीतीश कुमार हम मुसलमानों के लिए खराब हो जाते हैं।इस पर हमें गौर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में मुसलमान नीतीश कुमार के साथ होंगे।एक और नेक होकर हमें साथ देना होगा। चूंकि एक कदम हम बढ़ाएंगे तो नीतीश कुमार दस कदम बढ़ाएंगे। वहीं उन्होंने कहा कि बिहार भ्रमण कर रहा हूं। जहां पता चल रहा है कि 90 प्रतिशत मुसलमान कोरोना वैक्सीन ले रहे हैं। चूंकि वैक्सीन ही कोरोना से बचा सकता है। वहीं नीतीश कुमार ने तीसरी लहर के मद्देनजर सभी तैयारियां कर ली है।मो जमाल ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने बिहार में मुस्लिम नेताओं को दबाने का काम किया। उन्हें डर था कि यह नेता मुसलमानों का रहनुमा बन गया तो उनकी राजनीति खतरे में पड़ जायेगी। लेकिन नीतीश कुमार ने ऐसा नहीं किया और मुसलमानों को हिस्सेदारी दिया।
मटिहानी विधायक राजकुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जाति और समुदाय के नेता नहीं हैं।वह सभी को साथ लेकर चलने वाले हैं। सभी को हिस्सेदारी देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक भी इसके हिस्सेदारी बने। साथ ही कहा कि ऐतिहासिक कारणों से मुसलमान पिछड़ेपन का शिकार हुए हैं। राजनितिक पार्टियों ने अपनी राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया। लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुसलमानों को साथ लेकर चलने का काम किया। उन्होंने कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों के लिए विभिन्न योजनाओं को चला रहे हैं।जरूरत इस बात की है कि सरकार के योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की निगाह मुसलमानों पर है। मौका आए तो मुसलमान भी ध्यान दें।
जदयू जिलाध्यक्ष व पूर्व एमएलसी रूदल राय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक माडल हैं और उनका हर फैसला भी माडल है। जहां तक जनसंख्या नियंत्रण का सवाल है कि कानून लागू होने से संभव नहीं है। यही कारण है कि नीतीश कुमार ने महिलाओं के शिक्षित होने पर ही जनसंख्या नियंत्रण की बात कही है। शिक्षा माडल से ही जनसंख्या नियंत्रण होगा। नीतीश कुमार न्याय के साथ विकास की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि भागलपुर दंगा के आरोपी को लालू प्रसाद यादव ने लाल बत्ती देने का काम किया। जबकि नीतीश कुमार ने जेल भेजा और पीड़ितों को इंसाफ दिलाने का काम किया।
इस अवसर पर जदयू जिलाध्यक्ष रूदल राय, पूर्व मेयर व जिला मुख्य प्रवक्ता संजय कुमार, बुनकर प्रकोष्ठ के नेता अब्दुल हलीम अंसारी, मुखिया जफर आलम, सैय्यद अकील अख्तर,आफाक अख्तर हुकुमत, अस्मत खातून, शाहनवाज अहमद, जुल्फीकार अली, डॉ मेराज,सरवर आजाद, खालिद खान,मो अब्दुल्ला, एडवोकेट शाहिद, हाफिज मंसूर,मो इब्राहिम,प्रो शहाबुद्दीन,रजि अहमद, अरूण गांधी, कुंदन कुमार पिंटू,मो शाहिद,मो अजीज सहित अन्य उपस्थित थे। मौके पर मो सनाउरहमान,मो रफीक ने कांग्रेस छोड़ जदयू में शामिल हुए।