शिक्षा मंत्री ने हजरत अमीर शरीयत मौलाना सैयद मुहम्मद वली रहमानी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और उन्हें एक जागरूक मिल्ली नेता बताते हुए श्रद्धांजलि दी.और कहा कि इनमें मुल्क और क़ौम का असली दर्द भी शामिल था

पटना/मंथन डेस्क


उर्दू कारवां के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को नया सचिवालय में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी से उनके कक्ष में मुलाकात की और उन्हें उर्दू की समस्याओं पर एक याचिका पेश की.
ज्ञापन में शिक्षा मंत्री से उर्दू की अनिवार्यता समाप्त करने और उसे ऐच्छिक विषय के रूप में डालने वाले सर्कुलर नंबर 799 दिनांक 15 मई 2020 के वापिस लेने ,उर्दू को अनिवार्य विषय के रूप में बरक़रार रखने , हर स्कूल में एक उर्दू शिक्षक की नियुक्ति को अनिवार्य करने और हिंदी टीआईटी उम्मीदवारों की तरह उर्दू टीईटी उम्मीदवारों को अनुग्रह अंक देकर परिणाम जारी करने की मांग की.

उन्होंने आश्वासन दिया कि उर्दू भाषा, उर्दू शिक्षकों और उर्दू टीआईटी उम्मीदवारों के साथ न्याय किया जाएगा.शिक्षा मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ करीब एक घंटे तक उर्दू से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की.


प्रतिनिधिमंडल ने आशा व्यक्त की कि शिक्षा मंत्री इन महत्वपूर्ण मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे.उर्दू कारवां द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि शिक्षा मंत्री ने ज्ञापन पर गंभीरता से विचार किया और प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह इन सभी मुद्दों से संबंधित कागजात, दस्तावेजों और आधिकारिक अधिसूचनाओं और परिपत्रों को देखेंगे.
उन्होंने आश्वासन दिया कि उर्दू भाषा, उर्दू शिक्षकों और उर्दू टीआईटी उम्मीदवारों के साथ न्याय किया जाएगा.शिक्षा मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ करीब एक घंटे तक उर्दू से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की.उन्होंने बार-बार कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काम में विश्वास रखते हैं.

सरकार उन समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेगी.इनमें उर्दू सलाहकार समिति, बिहार उर्दू अकादमी और सरकारी उर्दू पुस्तकालय की कार्यकारी समिति का पुनर्गठन शामिल है.


वह उर्दू और अल्पसंख्यकों की समस्याओं के प्रति गंभीर हैं और राज्य के विकास के लिए समाज के हर वर्ग के साथ काम कर रहे हैं.बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्री ने हजरत अमीर शरीयत मौलाना सैयद मुहम्मद वली रहमानी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और उन्हें एक जागरूक मिल्ली नेता बताते हुए श्रद्धांजलि दी.और कहा कि इनमें मुल्क और क़ौम का असली दर्द भी शामिल था.हम सब मिलकर उनके सपने को साकार करेंगे.मंत्री ने आश्वासन दिया कि अमीर शरीयत ने समय-समय पर उर्दू के मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित कराया है.
सरकार उन समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेगी.इनमें उर्दू सलाहकार समिति, बिहार उर्दू अकादमी और सरकारी उर्दू पुस्तकालय की कार्यकारी समिति का पुनर्गठन शामिल है.प्रतिनिधिमंडल में इमारत ए शरिया के कार्यवाहक नाजिम मौलाना मुहम्मद शिबली अल कासिमी, उर्दू कारवां के उपाध्यक्ष मुफ्ती मुहम्मद सनाअल हुदा कासमी, मुश्ताक अहमद नूरी, प्रोफेसर सफदर इमाम कादरी, महासचिव डॉ रेहान गनी और सचिव डॉ अनवारुल होदा शामिल थे.

Leave a Reply

Your email address will not be published.