मंथन डेस्क

PATNA:कोलकाता से प्रकाशित आज़ाद हिन्द अख़बार के सम्पादक अहमद सईद मलीहबादी का निधन 92 की उम्र में आज लखनऊ के एक अस्पताल में हो गया.बिहार से प्रकाशित प्यारी उर्दू के चीफ़ एडिटर और पूर्व एमएलए डॉ.इज़हार अहमद ने मलीहबादी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है.उन्होंने कहा कि मलीहबादी उर्दू पत्रकारिता के स्थंभ थे.उनके सम्पादकीय दस्तावेज़ की हैसियत रखते थे.न सिर्फ अख़बार के पाठक बल्कि साहित्यकार,प्रतियोगी छात्र मलीहबादी के एडिटोरियल को संजो कर रखते थे.भारत के बाहर भी वह उर्दू जगत में लोकप्रिय थे.

सेक्युलर और सच्चे पत्रकार थे.

वह बताते हैं कि इंदिरा गांधी की हत्या पर बीबीसी ने जिन चंद अख़बारों के सम्पादकीय की चर्चा की थी उसमें आज़ाद हिन्द का भी नाम था.प्रधानमंत्री आईके गुजराल ने मेरी किताब का विमोचन किया था तब मलीहबादी साहब ने आज़ाद हिन्द में फ़्रंट पेज पर वह ख़बर छापी थी.उन्होंने कोलकाता में आज़ाद हिन्द उर्दू दैनिक की स्थापना की.अख़बार ख़ूब लोकप्रिय हुआ.रजयसभा सदस्य होने के बावजूद सक्रीय पत्रकारिता में बने रहे.मृदुभाषी और मिलनसार थे.सेक्युलर और सच्चे पत्रकार थे.उनके इंतेक़ाल की ख़बर से उर्दू पत्रकारिता शोक में डूबा है.हमारी आख़िरी मुलाक़ात उनसे कोलकाता में विधायक सोहराब साहब के बेटे की शादी में हुई थी.काफ़ी उम्र हो गई थी मगर याददाश्त पक्का था.

कौन थे मलीहबादी?

कोलकाता से प्रकाशित आज़ाद हिन्द अख़बार के सम्पादक अहमद सईद मलीहबादी ने उर्दू सहाफ़त की दुनिया को बुलंदी पर पहुंचाई थी.अहमद सईद के सहाफ़ती ख़िदमात का एतराफ करते हुए सम्मान के बतौर पश्चिम बंगाल की वामपंथी सरकार ने उन्हें राज्यसभा भेजा था.इनके पिता अब्दुल रज़्ज़ाक़ मलीहबादी और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद पत्रकार मित्र थे.दोनों एक दौर में ही पत्रकारिता कर रहे थे.किसी ज़माने में आज़ाद हिन्द उर्दू का राष्ट्रीय बड़ा अख़बार था.

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