मंथन डेस्क


PATNA:नामांकन पत्र दाखिल करने के साथ ही अफज़ल इमाम ने रफ़्तार पकड़ ली है.मेयर प्रत्याशी डॉ महजबीं का चुनाव प्रचार तेज़ हो गया है.रविवार के दिन चार स्थान पर चुनावी सभा,बैठक का आयोजन कर पूर्व मेयर ने अपनी पत्नी की जीत का मार्ग प्रशस्त करने में जुटे रहे.मतदाताओं ने उनकी बात को गम्भीरता से सुनी और तन मन से पूर्ण समर्थन का वादा किया.अफज़ल इमाम अपने महापौर कार्यकाल में पटना नगर निगम में किये विकास कार्यों को गिना ही नहीं रहे बल्कि बता रहे कि कैसे पटना उनके नेतृत्व में पुनःतरक़्क़ी की नई इबारत लिखेगा.सब जानते हैं कि अफज़ल इमाम निगम के क़ायदा -क़ानून से बख़ूबी वाक़िफ़ हैं.तीन बार मेयर यूं ही नहीं रहे.उसी अनुभव और कार्यों के बल पर आज वह अपनी पत्नी डॉ.महजबीं केलिए वोट मांगने निकले हैं. उनके कार्यों की गवाह जनता उन्हें हाथों-हाथ ले रही है.


मुसलमानों की गोलबंदी और महागठबंधन का समीकरण

मुसलमान तो गोलबंद हैं ही,महागठबंधन के समीकरण का भारी झुकाव भी अफज़ल की ओर है.ऐसे में यादव वोट से उन्हें बल मिलता दिख रहा है.वामपंथी कैडर का भी उन्हें साथ मिलने की पूरी सम्भावना है.पटना में सीपीआई और माले का बेस वोट है.जदयू का पिछड़ा-अतिपिछड़ा और महिला वोट को भी महजबीं आकर्षित कर रही हैं.जीतन राम मांझी की वजह से दलित मतदाताओं का रुझान भी अफज़ल की तरफ बना हुआ है.डॉ.महजबीं इकलौती मुस्लिम मेयर प्रत्याशी हैं.यदि उन्हें महागठबंधन का पूर्ण समर्थन मिलता है,जिसकी सम्भावना प्रबल है तो वह लगभग पांच-साढ़े पांच लाख वोट के बूते जीत की गाथा लिख सकती हैं.यह तो तय है है कि किसी की भी लड़ाई डॉ.महजबीं से ही होना है.माय समीकरण ही उन्हें फाइट में लाने के लिए काफी है.


राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं अफज़ल

अफज़ल अपनी जीत तय करने के लिए पूरी ज़ोर लगाये हुए हैं.नामांकन में हर तबक़ा से भारी भीड़ जुटा कर अपनी ताक़त दिखा दी है.राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं.जूझारू हैं.चुनाव की घोषणा से पहले अपनी पत्नी की मेयर पद केलिए दावेदारी ठोक दी थी.सबसे बड़ी मीटिंग उन्होंने अंजुमन इस्लामिया हॉल में किया.सभी दलों के बड़े-बड़े नेताओं का जुटान किया और फिर डॉ.महजबीं को महापौर पद के लिए उम्मीदवार खड़ा करने का एलान कर दिया.निगम की चुनावी राजनीति में सबसे अधिक खलबली अफज़ल इमाम को लेकर ही मची है.सबको मालूम है कि महज़ चार मुस्लिम पार्षद के रहते मेयर बनने में सफलता पायी थी.यह तो समीकरण और जनता का चुनाव है,ज़ाहिर सी बात है फ़िज़ा को बदलने में अफज़ल इमाम पीछे नहीं रहेंगे.चुनावी सभा करने में अफज़ल दिन भर व्यस्त रहे.फुलवारी शरीफ से उन्होंने सभा की ओपनिंग की और अली नगर में बैठकी.रानीपुर वार्ड 61 के साथियों से भी मुलाक़ात की.अज़ीमा बाद कॉलोनी में बड़ी सभा हुई.हर जगह भीड़ जुट रही है.उत्साह है,जोश है,जुनून है.यह रफ़्तार बरक़रार रही तो जल्द ही चुनावी माहौल बदल जायेगा.हर वार्ड,हर मुहल्ला में अफज़ल समर्थक भरे पड़े हैं.लोग बुला-बुला कर बैठक कर रहे हैं.फ़िलहाल अधिक चर्चे में अफज़ल ही बने हुए हैं.

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