मंथन डेस्क

PATNA:नीतीश कुमार ने 2024 में केंद्र से भाजपा को उखाड़ फेंकने के लिए विपक्ष को जोड़ने का जो बीड़ा उठाया है उसमें अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का नाम भी जुड़ गया है.इस कारवां में पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल हो गये हैं.एआईएमआईएम के विधायक अख़्तरुल ईमान ने कहा है कि बिहार का बेटा प्रधानमंत्री बने किसे ख़ुशी नहीं होगी.हर बिहारी चाहेगा कि नीतीश कुमार देश का प्रधानमंत्री बनें.अख़्तरुल ईमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में उतर गये हैं.हालांकि,उन्होंने यह भी कहा कि अंतिम फैसला हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ही करेंगे.जब एआईएमआईएम को भी विपक्ष और महागठबंधन का हिस्सा बनाया जायेगा.उन्होंने नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद के दावेदारी पर कहा कि बिहार का आदमी आगे बढ़ रहा है तो उसको समर्थन देना चाहिए.अख्तरुल ईमान ने इस बयान को निजी बताया और कहा कि बिहारी के तौर पर मैं यह सोच रहा हूं.पार्टी लाइन के बारे में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर मेरे नेता ( असदुद्दीन ओवैसी) का जो फैसला होगा उसका सम्मान होगा.

अमित शाह को बनाया निशाना

अमित शाह को निशाना बनाते हुए एआईएमआईएम बिहार प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक अख्तरुल ईमान ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री में माल महाराज का और मिर्ज़ा खेले होली की कहावत को उन्होंने चरितार्थ किया.केन्द्र सरकार के पैसे से पार्टी का कार्य करने आये थे अमित शाह. उन्होंने कहा कि यह दौरा सीमांचल के हित में व्यर्थ सिद्ध हुआ है. इसमें केवल सरकारी धनराशि का दुरुपयोग हुआ. गृहमंत्री ने सीमांचल की मूलभूत समस्याओं का निदान तो क्या इस पर चर्चा भी करना उचित नहीं समझा.केंद्रीय गृह मंत्री का दौरा केवल भाजपा के प्रचार के अलावा और कुछ नहीं रहा. थानीय भाजपा के नेताओं को भी इस सच्चाई को समझना चाहिए कि अखिर अमित शाह सीमांचल के हित एवं विकास के लिए कौन सी सौगात देकर गए.प्रधानमंत्री के बाद दूसरी सबसे बड़ी कुर्सी पर बैठे एक मंत्री के लिए यह बिल्कुल अशोभनीय है.

मीडिया से रूबरू अख़्तरुल ईमान

एएमयू शाखा किशनगंज अस्तित्व खतरे में

अख़्तरुल ईमान बताते हैं कि सीमांचल क्षेत्र शिक्षा,स्वास्थ्य ,रोजगार हर प्रकार से पीछे हैं.नदी कटाव एव बाढ़ यहां की सबसे बड़ी समस्या है.फंड के अभाव में एएमयू शाखा किशनगंज का अस्तित्व खतरे में है .इन पर कोई चर्चा नहीं होना सीमांचल की आवाम के साथ छलावा है.पूर्णिया की सभा में अमित शाह ने कहा कि हम सत्ता और स्वार्थ की राजनीति की जगह सेवा और विकास की राजनीति के पक्षधर हैं तो दो दिनों के प्रवास में गृह मंत्री जी इस क्षेत्र का कौन सा विकास एवं सेवा कर गए इसकी पुष्टि होनी चाहिए.

महागठबंधन सरकार को भी चेताया

अमित शाह के दिल से केवल बिहार की सत्ता से बेदखल होने का दर्द छलकता रहा.अख़्तरुल ईमान ने कहा कि अमित शाह ने 7 साल पहले प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा घोषित ₹135000 करोड़ रूपया का बखान भी किया.मगर उन्हें बताना चाहिए था कि उक्त राशि से सीमांचल को क्या मिला?उन्होंने महागठबंधन की बिहार सरकार को भी चेताते हुए कहा कि सीमांचल वासियों के वोट का उपयोग केवल अपनी सत्ता बनाने के लिए न करें बल्कि इसका विकास के लिए अलग से बजट में प्रावधान भी करें.क्योंकि सीमांचल का क्षेत्र हमेशा सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ सेक्युलरिज्म का साथ दिया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published.