मंथन डेस्क
PATNA:जदयू राज्य परिषद के सदस्य रहे नरेन्द्र पटेल को पार्टी ने प्रदेश कमेटी में सचिव बनाया है.उन्होंने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत 1990 में पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुनाथ झा की छत्रछाया में रह कर छात्र राजनीति से की थी.दिवंगत रघुनाथ झा शिवहर जिले के क़द्दावर नेताओं में शुमार होते थे.पटेल उनके कार्यक्रमों की सफलता के लिए जुटे रहते थे.2005 तक पटेल का राजनीतिक रिश्ता रघुनाथ झा परिवार के साथ रहा.रघुनाथ झा से राजनीतिक गुर सीखने वाले पटेल की शिवहर की राजनीति में अच्छा-खासा पकड़ है.शिवहर निवासी नरेन्द्र पटेल ने कई स्थानीय नेताओं को विधानसभा पहुंचाने में महती भूमिका निभायी है.
जब पार्टी के लिए सीने पर खायी गोली
विरले कार्यकर्ता,नेता होते हैं,जो पार्टी के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दे.जदयू भाग्यशाली पार्टी है,जहां नरेन्द्र पटेल जैसे जांबाज़ भी हैं,जिन्होंने ने सीने पर गोली खा कर शिवहर जिले से लेकर राज्यस्तर तक पार्टी को सींचने का काम किया है .चुनाव के दौरान जदयू कार्यालय खोलने को लेकर विरोधियों ने पटेल पर हमला कर दिया.एक गोली सीने में लगी और दूसरी हाथ में.पटना के पारस अस्पताल में भर्ती पटेल मौत और ज़िंदगी के बीच जूझने के बाद दुआ और दवा से बच पाये.अपने कर्मठ कार्यकर्ता का हालचाल लेने मंत्री श्रवण कुमार और जदयू के सम्मानित नेता संजय गांधी पारस अस्पताल पहुंचे थे.इतना कुछ होने के बाद भी उनका हौसला टूटा नहीं है,बल्कि और जोश से पार्टी को जन-जन तक पहुंचाने में लगे हैं
श्रवण कुमार के हैं बेहद क़रीबी
बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के लिए उन्होंने जब शिवहर के साथ पटना को भी अपना आशियाना बनाया तो 2009 में जदयू के क़द्दावर नेता और मंत्री श्रवण कुमार से मुलाक़ात हुई.इस मुलाक़ात ने पटेल पर गहरा असर छोड़ा.तब से वह श्रवण कुमार की छत्रछाया में जदयू के साथ निष्ठा और समर्पण की भावना से जुड़े हैं.इसी लिए उन्हें श्रवण कुमार का आदमी भी माना जाता है.वह बताते हैं कि श्रवण जी की सादगी,स्वभाव ने काफी प्रभावित किया.ऐसे नेता की समाज में कमी है.जो अंतिम पायदान पर खड़े जनता के लिए अपना दरवाज़ा सुबह-शाम खुला रखता हो.श्रवण कुमार जाति-धर्म के बंधन से अलग हट कर ज़मीन से जुड़े नेता हैं.वह हमारे राजनीतिक गुरू हैं,उनके पदचिन्हों पर चलना सौभाग्य की बात है.उनके अंदर न क्षेत्रवाद है और न जातिवाद वह ग़रीबों के नेता हैं.
मुसलमानों में भी हैं मक़बूल
नरेन्द्र पटेल पार्टी के एक सिपाही की तरह श्रवण कुमार के साथ बिहार, झारखंड,आसाम,बंगाल,दिल्ली के विधानसभा चुनावों में पार्टी प्रत्याशियों की चुनावी मुहिम में सक्रीय योगदान देते रहे हैं.आज की तारीख़ में बिहार के हर जिले में नरेंद्र पटेल के समर्थकों की बड़ी संख्या है. पटेल का न सिर्फ अपनी जाति-धर्म में लोकप्रियता है,बल्कि मुसलमानों से भी गहरा लगाव है.मुसलमानों में उनकी सेक्युलर छवि है.शिवहर जिला जदयू के महासचिव रह चुके पटेल आज किसी पहचान के मुहताज नहीं हैं.
पार्टी नेताओं का क्या आभार व्यक्त
जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश सचिव मनोनयन होने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार का कोटि-कोटि आभार व्यक्त करते हुए नरेन्द्र पटेल ने कहा है कि मेरे जैसे छोटे कार्यकर्ता को बड़ा दायित्व सौंपने का काम किया गया है.पार्टी ने जो ज़िम्मेवारी सौंपी है.उसका इमानदारी से निर्वाहन करेंगे.