विजय सिन्हा डीएसपी को जितना बड़ा गुनाहगार बता रहे थे,उसका तो कोर्टमार्शल होना चाहिए था.सिर्फ तबादला के लिए स्पीकर साहब एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाये हुए थे?

सेराज अनवर

बड़ा शोर है कि लखीसराय के डीएसपी को हटा दिया गया.विजय कुमार सिन्हा की जीत हुई,नीतीश कुमार हार गये!इसमें नीतीश की हार कैसे हुई?डीएसपी को सस्पेंड कर दिया गया?तबादला जीत कैसे हो सकता है?यह रूटीन वर्क है.आज न कल तबादला होना ही था.विजय सिन्हा डीएसपी को जितना बड़ा गुनाहगार बता रहे थे,उसका तो कोर्ट मार्शल होना चाहिए था.सिर्फ तबादला के लिए स्पीकर साहब एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाये हुए थे?रोना-धोना कर रहे थे?


तबादला न नीतीश की हार है और न विजय सिन्हा की जीत है.दरअसल,मुख्यमंत्री ने भरी सभा में स्पीकर को झंझ कर दिया था, रफ शब्दों में कहें तो औक़ात बता दी थी.डीएसपी को हटा कर नीतीश कुमार ने विजय सिन्हा की थोड़ी सी लाज रख ली है,बाहरी तौर पर दिखे कि विजय सिन्हा की बात मान ली गयी.भाजपाई मीडिया इसको सुनियोजित रूप से नीतीश की हार बता रही है.नीतीश कुमार की राजनीति को इतनी आसानी से समझ लिया जाये तो फिर नीतीश क्या?

भाजपा की वापसी हुई और सदन से सड़क तक योगी-मोदी ज़िंदाबाद के साथ जयश्रीराम गूंजने लगा.नीतीश कुमार को बैकफ़ुट पर लाने की चर्चा भी चल पड़ी,भाजपा से मुख्यमंत्री तय होने लगे.राजनीति दांव की चीज़ है,रिस्क लेना पड़ता है.


नीतीश कुमार स्पीकर पर भयंकर तरीक़े से ग़ुस्सायें क्यों?लखीसराय एक मुद्दा ज़रूर था.लेकिन नीतीश के ग़ुस्सा होने की असल वजह यह नहीं थी.हुआ यूं कि उत्तरप्रदेश में भाजपा वापस आ गयी.जदयू भी मान कर चल रहा था कि योगी की वापसी नहीं होगी,इसके लिए दुआ भी मांगी जा रही थी.मने मन पुलाव पकाया जा रहा था कि यदि योगी की वापसी नहीं होती है तो भाजपा पर चढ़ कर राजनीत की जायेगी मगर हो गया उल्टा.भाजपा की वापसी हुई और सदन से सड़क तक योगी-मोदी ज़िंदाबाद के साथ जय श्री राम गूंजने लगा.नीतीश कुमार को बैकफ़ुट पर लाने की चर्चा भी चल पड़ी,भाजपा से मुख्यमंत्री तय होने लगे.राजनीति दांव की चीज़ है,रिस्क लेना पड़ता है.


इसी बीच स्पीकर विजय सिन्हा ने लखीसराय का मुद्दा उठा दिया.नीतीश कुमार को बैठे बिठाये मौक़ा मिल गया.मुख्यमंत्री उस वक्त सदन में नहीं थे,अपने चैंबर में बैठे थे.वहां से रणनीति बना कर निकले ,सदन में आये.स्पीकर को सीधे निशाना बनाया.विजय सिन्हा मतलब भाजपा.क्या नहीं बोले.कहा संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं,ऐसा हम चलने नहीं देंगे.पूरा हाउस नीतीश का यह तेवर देख सकपका गया. यह आदमी को हुआ क्या है?पूरी भाजपा बैकफ़ुट पर आ गयी.स्पीकर के समर्थन में भाजपा का एक भी सदस्य आगे नहीं आया.नीतीश को बैकफ़ुट पर लाने की प्लानिंग बना रही भाजपा ख़ुद बैकफ़ुट पर आ गयी.एक दिन के अंदर ही योगी की जीत का नीतीश ने ख़ुमार उतार दिया.नीतीश फ़्रंटफुट पर नहीं खेलते तो एक महीने तक बिहार में योगी-मोदी का जयघोष होता रहता और हर दिन मीडिया नीतीश के जाने की गाथा लिखती.नीतीश के आक्रामक नीति ने यह भी तय कर दिया कि सत्ता भी हम हैं और विपक्ष भी हम ही हैं.

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