पटना/कमला कान्त पांडेय

बिहार विधान सभा चुनाव में जदयू को एक-एक कर डुबाने वाले भाजपा के बागियों की वापसी का क्रम जारी है. राजेंद्र सिंह और उपा विद्यार्थी के बाद आज पूर्व विधायक रामेश्वर चौरसिया और सिवान से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे मनोज सिंह फिर से भाजपा में शामिल हो गए हैं.

बिहार भाजपा अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने दोनों नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलायी. सनद रहे कि 2015 का चुनाव भाजपा और जदयू ने अलग-अलग लड़ा था. इस वजह से 2015 में भाजपा को अधिक सीटों पर अपना प्रत्‍याशी देने का मौका मिला था. 2020 में जदयू के साथ तालमेल कर चुनाव लड़ने पर भाजपा को पिछला चुनाव हारने वाले कई नेताओं की सीट जदयू को सौंपनी पड़ी थी.

पूर्व विधायक रामेश्वर चौरसिया बिहार भाजपा के एक बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं. 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर उन्होंने चिराग पासवान की लोजपा में शामिल होने का फैसला कर लिया था, लेकिन राम रामेश्वर चौरसिया को इसका कोई लाभ नहीं हुआ और उन्हें चुनाव में करार हार का सामना करना पड़ा था. चुनाव परिणाम जारी होने के दो माह बाद ही उन्होंने चिराग की लोजपा से अपने रिश्ते तोड़ लिए थे.

रामेश्वर चौरसिया भाजपा के टिकट पर नोखा विधानसभा से तीन बार विधायक रह चुके हैं. पिछले लंबे समय से उनके भाजपा में वापसी की संभावना जताई जा रही थी. इसी तरह मनोज सिंह की भाजपा में वापसी हो गई है. मनोज के सिवान से विधान परिषद चुनाव लड़ने की चर्चा है. भाजपा अपने पुराने नेताओं की घर वापसी कराते हुए संगठन को लगातार मजबूत बनाने में जुटी है. वही भाजपा के इन नेताओं की घर वापसी से जदयू के वे नेता चिंता में हैं, जो पिछली बार इनकी वजह से ही चुनाव हार गए थे.

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