कमला कान्त पांडेय/पटना

अविश्वास प्रस्ताव में हार जाने के कारण पटना नगर निगम की डिप्टी मेयर मीरा देवी की कुर्सी अंततः चली गई. डिप्टी मेयर के विरोधी गुट के द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया. डिप्टी मेयर मीरा देवी को 14 वोट मिले हैं, जबकि उन्हें 38 वोटों की आवश्यकता थी. कल ही डिप्टी मेयर मीरा देवी ने दावा किया था कि जीत के लिए आवश्यक पार्षदों से अधिक का समर्थन उन्हें हासिल है. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो सका. आज अविश्वास प्रस्ताव के बाद वोटिंग हुआ जिसमें मीरा देवी हार गईं.
पटना नगर निगम की उप मेयर मीरा देवी को पद से हटाने के लिए चल रहे खेल का आज पटाक्षेप हो गया. डिप्टी मेयर के विरोधी अंततः कामयाब हो गए. डिप्टी मेयर के समर्थन में जितने पार्षद थे. उन आंकड़ों में कमी आई. जिस वजह से अविश्वास प्रस्ताव के वोटिंग में डिप्टी मेयर मीरा देवी की हार हो गई. बताया जाता है कि डिप्टी मेयर मीरा देवी को लेकर पार्षदों में दो गुट बन चुके थे.
वही भीतरखाने से खबर आ रही है कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं एवं विधायकों का समर्थन मीरा देवी को नहीं मिला. जिस कारण उनके समर्थन में रहने वाले कुछ पार्षद भी वोटिंग के एक-दो दिन पूर्व उनके खिलाफ हो गए. बांकीपुर अंचल सभागार में डिप्टी मेयर मीरा देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई गई थी.
बैठक के लिए सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया गया था. मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. बैठक स्थल के आसपास धारा-144 लागू किया गया. बैठक में पार्षदों के साथ-साथ अधिकारियों और निगमकर्मियों का ही केवल प्रवेश था.

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