मंथन डेस्क
PATNA:19 नवम्बर,2021 को बिहार में किसान आंदोलन की अगुआई करने वाले जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक़ रहमान दिल्ली की सीमा पर आंदोलनरत किसानों के प्रति केन्द्र सरकार के रवैया से आहत हैं.उनका कहना है कि किसानों के साथ सरकार का जो व्यवहार है उससे ऐसा लग रहा है कि अपने देश के किसानों के साथ नहीं बल्कि दूसरे देश से युद्ध लड़ा जा रहा है.किसानों पा ड्रोन द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जा रहे है.अशफाक़ रहमान ने कहा है कि आज किसान संगठनों के भारत बंद का जेडीआर समर्थन करती है.
मालूम हो कि ढाई साल पूर्व जब दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन तेज़ था तो बिहार में आंदोलन की अगुआई अशफाक़ रहमान ने की थी,जेल भरो अभियान के तहत उन्हें हिरासत में लेकर थाना में रखा गया था.यह आंदोलन पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवन्त सिन्हा के नेतृत्व में हुआ था.तब तीसरा मोर्चा में पूर्व केन्द्रीय मंत्री नागमणि,देवेन्द्र प्रसाद यादव,पूर्व सांसद अरूण सिंह आदि दिग्गज नेता भी शामिल थे.अशफाक़ रहमान इस आंदोलन में सबसे ज़्यादा मुखर थे.वह कहते हैं कि किसान अपनी मांगो को लेकर दिल्ली पहुंच रहे हैं मगर बिहार में इसकी कोई सुगबुगागाहट नहीं है.मानो बिहार में किसान ही नहीं हैं.उनका दावा है कि बिहार में सबसे बड़ा किसान आंदोलन हमलोगों का रहा है.उसके बाद यहां कोई आंदोलन नहीं दिख रहा जबकि किसान भाई दिल्ली और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर पुनः आंदोलन में जुट गये हैं.आज भारत बंद भी है.
अशफाक़ रहमान का कहना है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सभी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाने, किसानों और मजदूरों का कर्ज पूरी तरह से माफ करने, इसके साथ ही देशभर में भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को फिर से लागू करने की जायज़ मांग को सरकार को मान लेना चाहिए और किसानों के साथ अन्नदाता की तरह सम्मान करना चाहिए.
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