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BEGUSARAI:बरौनी रिफ़ाइनरी के द्वारा देशरत्न, भारत के संविधान निर्माता, बाबासाहब डॉ भीमराव अंबेडकर के सम्मान में उनकी अतिमा की स्थापना बरौनी रिफाइनरी टाउनशिप में स्थित किड्ज़ी स्कूल के सामने के पार्क में किया गया। जहां रविवार के दिन बरौनी रिफाइनरी के कार्यपालक निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख आर के झा, ने इस प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर सत्य प्रकाश, मुख्य महाप्रबंधक (तकनीकी), ए के तिवारी, मुख्य महाप्रबंधक (परियोजना) तरुण कुमार बिसई, मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन), जी आर के मूर्ति मुख्य महाप्रबंधक (परियोजना), डॉ प्रशांत राऊत, मुख्य महाप्रबंधक (एम एंड सी) एस जी वेंकटेश, मुख्य महाप्रबंधक (टीएस एवं एचएसई), महाप्रबंधकगण, एके सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष, बीटीएमयू संजीव कुमार, अतिरिक्त महासचिव, बीटीएमयू, प्रवीण कुमार, सीईसी आईओओए, अरुण पासवान, अध्यक्ष बरौनी रिफाइनरी एससी/एसटी कर्मचारी एसोशिएशन, अन्य अधिकारी, कर्मचारी और टाउनशिप निवासियों की उपस्थिति में यह अनावरण किया गया। इसके पश्चात, सभी ने डॉ अंबेडकर की उपलब्धियों और समाज में उनके योगदान को याद करते हुए उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें अद्धासुमन अर्पित किया।

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में श्री झा ने कहा, “बाबासाहब केवल संविधान निर्माता ही नहीं थे बल्कि उन्होंने समाज की कूटनीतियों के प्रति आवाज उठाई थी। उनका कहना था. एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह से अलग होता है की वह समाज का नौकर बनने के लिए तैयार होता है। आज हम सभी उनके जीवन और उनकी सोच से प्रेरित होकर समाज की भलाई और सुधार में निरंतर प्रयासरत है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड समुचित रूप से अपने सभी कर्मचारियों को समान अवसर प्रदान करता है। साथ ही, बरौनी रिफाइनरी बेगूसराय के निवासियों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कई कार्य कर रही है। आज उनकी प्रतिमा की स्थापना के साथ हम सभी अपनी कृतज्ञता व्यक्त कर रहे हैं।”

इस अवसर पर संजीव कुमार, अतिरिक्त महासचिव, बीटीएमयू प्रवीण कुमार, सीईसी आईओओए और अरुण पासवान, अध्यक्ष बरौनी रिफाइनरी एससी/एसटी कर्मचारी एसोशिएशन ने डॉ अंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डाला और उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया।सहृदय नेता डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में स्थित महू में हुआ था जिसका नाम आज बदल कर डॉ. अंबेडकर नगर रख दिया गया है। डॉ भीमराव अंबेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल 1891 में हुआ चा। भारत के संविधान निर्माता होने के साथ-साथ वह भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक और लेखक भी थे। लेखन में रुचि होने के कारण उन्होंने कई पुस्तकें लिखी। उनके पास 32 डिग्रियों के साथ वह 9 भाषाओं के सबसे बेहतर जानकार थे। वह लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स से ‘डॉक्टर ऑल साइंस’ नामक एक दुर्लभ डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने वाले भारत के ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के पहले और एकमात्र व्यक्ति हैं। डॉ बी. आर. अंबेडवार ने कई असमानताओं का सामना करने के बाद सामाजिक सुधार का मोर्चा उठाया। सामाजिक सुधार को लेकर वह बहुत प्रयत्नशील थे वे दलित वर्ग के लिए मसीहा के रूप में सामने आए जिन्होंने अपने अंतिम क्षण तक दलितों को सम्मान दिलाने के लिए संघर्ष किया डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की स्मारक दिल्ली स्थित उनके घर 25 अलीपुर रोड में स्थापित की गई है। अंबेडकर जयंती पर सार्वजनिक अवकाश रखा जाता है। 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। कई सार्वजनिक संस्थान का नाम उनके सम्मान में उनके नाम पर रखा गया है जैसे कि हैदराबाद, आंध्र प्रदेश का डॉ. अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय, बी आर अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नागपुर में है, जो पहले सोनेगाव हवाई अड्डे के नाम से जाना जाता था। इसकी जानकारी बरौनी रिफाइनरी के (कॉर्पोरेट संचार) प्रबन्धक अंकिता श्रीवास्तव ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी.

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