मनीष/आरा
आरा के अपर न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा हो जाने के बाद जगदीशपुर नगर पंचायत के मुख्य पार्षद पद पर कब्जा को लेकर एक बार फिर विवाद हो गया है. मुकेश कुमार गुड्डु का कहना है कि उनकी अनुपस्थिति में उप मुख्य पार्षद को मुख्य पार्षद का कार्यभार नहीं दिया जा सकता. इस बाबत उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग को भी लिखा था. मुख्य पार्षद मुकेश कुमार गुडडु थे. हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास और पांच हजार रुपये आर्थिक दंड लगाये जाने की सजा होने के बाद वह जेल की हवा खा चुके हैं. फिलहाल जमानत पर हैं.
उनके सजायाफ्ता होने के बाद मुख्य पार्षद के कर्तव्यों के निर्वहन के लिए जगदीशपुर नगर पंचायत के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी कृष्णमुरारी ने बिहार निर्वाचन आयोग के निर्देश पर उप मुख्य पार्षद को मुख्य पार्षद का कार्यभार सौंपा था. निर्देश में कंडिका-2 में अंकित किया गया था कि मुकेश कुमार गुडडु मुख्य पार्षद, नगर पंचायत जगदीशपुर को बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 25 के 5 के तहत हटाये जाने की जबतक कार्रवाई नहीं की जाती है, तबतक बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 26 के 1 एवं 2 के आलोक में उप मुख्य पार्षद, नगर पंचायत जगदीशपुर के मुख्य पार्षद के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे.
अब जबकि न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया है कि धारा 18(1)(जी) के तहत नगरपालिका परिषद सदस्य(वार्ड पार्षद) का पद ग्रहण करने के लिए मुकेश कुमार उर्फ गुड्डु के लिए अयोग्यता अर्जित कर ली गयी है. फलतः बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 18(2) से प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए मुकेश कुमार गुड्डु को तत्काल प्रभाव से जगदीशपुर नगर पंचायत के वार्ड संख्या 15 के वार्ड पद से हटाया जाता है. उक्त वार्ड पार्षद का पद रिक्त समझा जायेगा. न्यायालय के इस आदेश के साथ ही मुकेश कुमार गुड्डु का दावा हवा हो गया.