मधुबनी/करीमुल्लाह

मधुबनी जिले के जयनगर अनुमंडल मुख्यालय से गुजरने वाली कमला नदी दूसरे दिन भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.शुक्रवार की सुबह दस बजे तक जलस्तर सामान्य था, लेकिन उसके बाद से जलस्तर में वृद्धि होने लगी और देखते ही देखते जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया.
बता दें कि कमला नदी के दोनों तटबंधों पर बांध में कई जगहों से रिसाव होने की भी खबर है.रिसाव पर काबू पाने के लिए विभागीय अभियंता जी-जान से जुटे हैं.दोनों तटबंधों की कड़ी निगरानी की जा रही है.वहीं, कनीय अभियंता संगम पटेल और मनोज कुमार ने बताया कि जयनगर प्रखंड के सेलरा गांव स्थित कमला नदी के बायां पूर्वी तटबंध आठ से नौ किलोमीटर के बीच कई जगहों से पानी का रिसाव होने पर बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंताओं के तत्परता से काबू पाया गया.रिसाव को बालू भरे बोरा का बेल बनाकर रोका गया.उक्त स्थल की सतत निगरानी की जा रही है.बायां तटबंध के छह से 11 किलोमीटर तक और दायां तटबंध के जीरो से सात किलोमीटर तक विभागीय अधिकारियों का दल मोबाइल ट्रैक्टर की सहायता से निगरानी कर रहा है.अभियंताओं ने बताया कि प्रत्येक एक किलोमीटर पर स्थानीय लोगों के टोली की एजेंसी के माध्यम से चिन्हित स्थलों की निगरानी की जा रही है.रिसाव स्थल पर त्वरित कार्रवाई के लिए मोबाइल ट्रैक्टर बनाया गया है.


विदित हो कि कमला नदी में पानी का दबाव कम होने के कारण कई स्थलों पर कटाव की भी सूचना मिल रही है.इस बाबत जयनगर एसडीओ बेबी कुमारी ने बताया कि अनुमंडल प्रशासन सभी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है.एसडीआरएफ की एक टीम भी पहुंच चुकी है, एक मोटरबोट भी उपलब्ध कराया गया है.कमला नदी में आई बाढ़ के कारण निचले इलाके में पानी फैल गया है.कमला नदी के मुख्य पश्चिमी शाखा नहर में एनएच-227 के निर्माण को लेकर उसराही आम टोल के समीप पुल निर्माण पूरा नहीं होने और बनाए गए डायवर्सन के बह जाने के कारण रजौली, देवधा उतरी, देवधा मध्य पंचायत के लोगों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क टूट गया है.
इधर, संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए एसडीओ बेबी कुमारी, एएसपी शौर्य सुमन के नेतृत्व में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की एक बैठक भी हुई.जिसमें कमला नदी में आने वाले संभावित बाढ़ और कमला पूल के मद्देनजर चर्चा की गई.

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