मंथन डेस्क
NEWDELHI:मैं विपक्ष से सहमत हूं कि मणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ है. इस तरह की घटना को कोई स्वीकार नहीं कर सकता. घटना शर्मनाक हुई है.लोकसभा में बुधवार (9 अगस्त) को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर मणिपुर हिंसा पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “मैं मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हूं. वो चर्चा नहीं चाहते हैं. उन्हें बस विरोध करना है. मेरी चर्चा से संतुष्ट नहीं होते तो पीएम भी बयान देने के लिए विचार करते.”
अमित शाह ने कहा, “क्या समझते हैं कि हंगामा करके हमें चुप करा दोगे. मुझे चुप नहीं करा सकते. देश की जनता का समर्थन है. मणिपुर में जो हिंसक घटना हुई है, उसपर डिटेल में बात करूंगा.केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “परिस्थितिजन्य हिंसा है. देश को बताना चाहता हूं कि देश के प्रधानमंत्री ने मुझे सुबह 4 बजे और दूसरे दिन 6:30 बजे उठाया और ये कह रहे हैं कि मोदी जी ध्यान नहीं रख रहे हैं. तीन दिन तक लगातार हमने यहां से काम किया. 16 वीडियो कॉन्फ्रेंस की, 36 हजार जवान भेजे. चीफ सेक्रेटरी को बदल दिया गया. डीजीपी बदल दिया गया. सुरक्षा सलाहकार भेजे गए.”
उन्होंने कहा, “भारत सरकार ने चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी भेजे. तीन तारीख को हिंसा हुई औ चार तारीख को सबकुछ समाप्त हो गया. ये कहते हैं कि 356 (राष्ट्रपति शासन) क्यों नहीं लगाया. 356 तब लगाया जाता है जब हिंसा के समय राज्य सरकार मदद न करे. हमने जो बदले राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया. सीएम तब बदलना पड़ता है जो मदद न करे. सीएम मदद कर रहे हैं.”
अमित शाह ने कहा, “चर्चा को लेकर प्रधानमंत्री विचार भी करते हैं, लेकिन जब गृह मंत्री को ही बोलने नहीं दोगे तो वो क्या करेंगे. आप चर्चा ही नहीं करना चाहते, सिर्फ आरोप लगाना चाहते हैं. हमारा अपरोच ‘होता है’ का नहीं है. छह साल से मणिपुर में बीजेपी की सरकार है, लेकिन वहां कर्फ्यू नहीं लगा.”
Very interesting details you have remarked, thankyou for posting. “Death is Nature’s expert advice to get plenty of Life.” by Johann Wolfgang von Goethe.