मंथन डेस्क

PATNA:“सौ सुनार की एक लोहार की”शनिवार को अफज़ल इमाम ने इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया.नामांकन-पत्र दाखिल करने के अंतिम दिन पर्व मेयर अफज़ल ने पटना नगर निगम के मेयर चुनाव में धमाकेदार इंट्री की.उनकी पत्नी डॉ.महजबीं के नामांकन में जन-सैलाब उमड़ पड़ा.अफज़ल के उत्साही समर्थकों से पूरा अशोक राजपथ पटा रहा.ख़ुद अफज़ल खुली कार में जनता का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे थे.लम्बा क़ाफ़िला की वजह से आलमगंज से गांधी मैदान तक अशोक राजपथ घंटों जाम रहा.हिन्दू-मुसलमान सभी जाति-धर्म के लोग नामांकन जुलूस में शामिल थे.अफज़ल ने कहा-,यह मेरे प्रति मुहब्बतों का सबूत है.इसी मिट्टी को हिंदुस्तान कहते हैं.भारत की साझी विरासत को आगे बढ़ाना है.अफज़ल इमाम को पूरा भरोसा है कि इस चुनाव में राजद का तो उन्हें साथ मिलेगा ही, महागठबंधन का भी पूर्ण समर्थन मिलेगा.

जन-आग्रह पर पत्नी को उतारा मैदान में

महापौर रहते पटना महानगर की सूरत बदलने के संकल्प ने उन्हें अपनी पत्नी डॉ महजबीं को चुनाव मैदान में उतारने के लिए प्रेरित किया.उनके प्रशंसकों और शुभचिंतकों के अलावा महानगर की खूबसूरती की चाहत रखनेवाले असंख्य लोगों ने भी उनसे ऐसा अनुरोध किया. उन्हें बताया गया कि पटना के लोग उन्हें ही महापौर के तौर पर देखना चाहते हैं. इस जन-आग्रह पर अफज़ल इमाम ने अपनी पत्नी डॉ महजबीं को महापौर बनाने के लिए मैदान में उतार दिया है.

पीयू से पीएचडी हैं डॉ.महजबीं

डॉ महजबीं पटना विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त हैं.सामाजिक और काफी शिक्षित महिला हैं. वार्ड संख्या 52 से पार्षद निर्वाचित हुई हैं. व्यवहार कुशलता, मृदुभाषिता, सहज-सरल स्वभाव, जरूरतमंदों की सेवा-सहयोग के अथाह भाव से वह परिपूर्ण हैं. अफज़ल इमाम महापौर की कुर्सी पर सात वर्षों तक विराजमान रहे. वह तीन बार पार्षद चुने गये. दो दशक से पहले ख़ुद, फिर उनकी पत्नी विजयी होती रही हैं. महापौर कार्यकाल में सभी जाति, समुदाय के बीच उन्नति और विकास के लिए समान तौर से काम करने का श्रेय अफज़ल इमाम को जाता है. डॉ महजबीं को चुनावी मैदान में उतारने से महापौर पद का मुकाबला काफी रोमांचक हो गया है.

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