मंथन डेस्क

PATNA:पटना नगर निगम चुनाव में महापौर पद के लिए लगभग प्रत्याशियों ने अपना नामांकन-पत्र दाखिल कर दिया है.अब सबकी नज़र पूर्व मेयर अफज़ल इमाम पर टिकी है.उनकी पत्नी डॉ.महजबीं कल यानी शनिवार को महापौर पद की प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करेंगी.9 बजे सुबह में आलमगंज स्थित अफज़ल के आवास से नामांकन जुलूस पूरे तामझाम के साथ निकलेगा.डॉ महजबीं को चुनावी मैदान में उतारने से अफज़ल के समर्थकों में भारी उत्साह है.पटना नगर निगम के विभिन्न स्थान पर हो रही अफज़ल की सभा में भारी भीड़ जुट रही है.कल पूर्व मेयर अफज़ल इमाम की राजनीतिक,सामाजिक सम्बन्धों का नज़ारा दिखेगा.सभी जाति-धर्म के साथ राजधानी के दिग्गज मुस्लिम चेहरों का जुटान भी होगा.

मुस्लिम समाज अफज़ल को लेकर अभी से गोलबंद है.मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग तीन लाख के क़रीब है.अफज़ल का राजनीतिक सम्बन्ध लालू प्रसाद परिवार से है.इस वजह कर डॉ.महजबीं महागठबंधन की उम्मीदवार मानी जा रही हैं.तब अफज़ल की ताक़त दोगुनी हो जायेगी.यादव मतदाताओं की संख्या ढाई लाख के क़रीब है.माय समीकरण के साथ पांच लाख वोट की ताक़त वाला फ़िलहाल कोई प्रत्याशी नहीं दिख रहा है.यदि सिर्फ मुस्लिम वोट की बात करें तो तीन लाख वोट किस प्रत्याशी के पास है.मतदाताओं में सबसे मज़बूत कायस्थ समाज को माना जाता है मगर उस समाज से कई प्रत्याशी मैदान में हैं.हर जाति से कई-कई उम्मीदवार ताल ठोंक रहे हैं.जबकि मुस्लिम समाज से डॉ.महजबीं मुस्लिम समाज से इकलौती प्रत्याशी हैं.साफ संदेश है कि मुस्लिम समाज का अफज़ल को पूर्ण समर्थन है.

अफज़ल के मोर्चा सम्भालने से लड़ाई दिलचस्प होती दिख रही है.अफज़ल निगम राजनीति के अखड़िया माने जाते हैं.जब महज़ चार मुस्लिम पार्षद जीते थे तो अफज़ल पटना के मेयर बन गए थे.आज भी पार्षदों पर उनकी पकड़ बहुत मज़बूत है.माना जाता है कि तीस से पैंतीस पार्षद उनके अपने हैं.मेयर के सीधे चुनाव में पार्षदों की भूमिका अहम होगी.ज़ाहिर सी बात है गुणा भाग के बाद ही अफज़ल ने चुनावी चुनौती स्वीकार की है.भाजपा के खेमा में अभी से खलबली मची हुई है तो कोई तो बात है.मौजूदा मेयर सीता साहू और उनकी बहु दोनों के मैदान में उतरने के पीछे माजरा क्या है यह साफ दिखाई पड़ रही है.

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