बिहारशरीफ/डॉ.अरूण कुमार मयंक


ठेला फुटपाथ भेंडर्स यूनियन एवं माले नेता रामदेव चौधरी ने बयान जारी करके कहा कि भारत भर में 8 जुलाई को हुए विरोध- प्रदर्शनों की खबरें अभी भी आ रही हैं.ये हाल के दिनों में देश में हुए ईंधन की कीमतों में अन्यायपूर्ण और असहनीय वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन थे और इस मांग के साथ कि सरकार तुरंत पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों को आधा करे.विरोध नए तरीकों से हुआ और बताया गया कि सिर्फ पंजाब में ही 1800 से अधिक स्थलों पर विरोध प्रदर्शन हुए.1973 में पेट्रोल के दाम मात्र सात पैसे वृद्धि हुआ था तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई बैलगाड़ी से संसद गए थे.


“आत्मनिर्भर भारत” पैकेज के तहत कृषि अवसंरचना निधि के बारे में पूरी तस्वीर स्पष्ट करने के लिए पहले ही एक बयान जारी कर दिया है.सरकार द्वारा एक लाख करोड़ का कोई फंड आवंटित नहीं किया गया है, जो धारणा बड़ी संख्या चमकाने से स्थापित की जा रही है; न ही क्रियान्वयन में कोई सराहनीय गति है.एआईएफ के लिए एक हजार करोड़ का बजट आवंटन भी नहीं है.अनावश्यक किसान विरोधी कानूनों के माध्यम से मंडी व्यवस्था को कमजोर करना और फिर यह कहना कि सरकार मंडियों को एआईएफ के तहत उधार लेने की सुविधा प्रदान करेगी, सिर्फ एक जुमला है.


उन्होंने कहा कि विस्तारित कैबिनेट की पहली बैठक के बाद यह एक नया जुमला है.केंद्रीय कृषि मंत्री का यह कहना कि कानूनों को निरस्त नहीं किया जाएगा, लेकिन एआईएफ के माध्यम से मंडियों को मजबूत किया जाएगा, और किसानों को सरकार के साथ निरसन के अलावा अन्य मुद्दों पर बातचीत फिर से शुरू करनी चाहिए, वास्तव में एक विडंबना है.

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