पटना/मंथन डेस्क


बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के द्वारा आम लोगों की पीड़ा सुनने-समझने और उसका निदान करने की दिशा में सुनवाई करके जनता की समस्याओं का समाधान के लिए जनता सेवा कार्यक्रम में जिस प्रकार से लगातार सक्रिय है और परेशान लोगों की समस्याओं का समाधान करवाते हैं,जिसके कारण सैकड़ों की संख्या में लोग तेजस्वी प्रसाद यादव के पास पहुंच रहे हैं और उनकी समस्याओं को सुनकर कार्रवाई भी की जा रही है.इस तरह की समस्याओं को हर तबके और हर स्तर के लोगों के साथ-साथ युवाओं की उम्मीदों को भी पूरा किया जाता है और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की समस्याओं को सुनकर उनके समाधान की दिशा में लगातार सरकार और प्रशासन पर दबाव बनाकर कार्रवाई की जा रही है जिससे आम जनों का विश्वास दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है.

तेजस्वी यादव समस्या सुनते(फाइल)


अब जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगा कि तेजस्वी प्रसाद यादव ने चुनाव पूर्व जो जनता से वादा किया था हर नागरिक को पढ़ाई,कमाई,दवाई,सिचाई ,सुनवाई और कार्रवाई करने वाली सरकार दी जाएगी लेकिन चोर दरवाजे से सत्ता प्राप्त करने वाले लोग जनता से दूर हो गए हैं जिस कारण अब सुनवाई और कार्रवाई के लिए सत्ता पक्ष के लोग उपलब्ध नहीं होते जिस कारण लोग नेता प्रतिपक्ष पास पहुंचकर अपनी बातें बताते हैं और उनका समाधान की दिशा में कार्रवाई होता है.नेता प्रतिपक्ष की युवाओं,महिलाओं और आम जनों में बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए ही मुख्यमंत्री को जल्दबाजी में फिर से 12 जुलाई से जनता दरबार करने की आवश्यकता महसूस की.लेकिन पूर्व की तरह ही वहां पर सिर्फ दरबार लगेगा और लोग समस्याएं सुनवा सुनाएंगे, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नही होगी .पहले भी इस तरह के जनता दरबार का ट्रैक रिकॉर्ड जनता के हितों के विरुद्ध रहा रहा है.तभी सरकार ने हर जिला और ब्लॉक स्तर पर लोक शिकायत निवारण केंद्र की स्थापना की और इसके माध्यम से जनता की समस्याओं को समाधान करवाने की बातें की लेकिन या सिर्फ ढाक के तीन पात रहा और एक लूट का बड़ा साधन बन गया।
एजाज ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जनता दरबार सिर्फ आई वास के अलावा कुछ और नहीं और जनता को भ्रमित करने के लिए के लिए ही पुनः शुरू किया जा रहा है जबकि जनता का विश्वास नीतीश कुमार ने खो दिया है.

One thought on “तेजस्वी में जनता के बढ़ते विश्वास के कारण घबराहट का नतीजा है नीतीश का जनता दरबार लगाने का एलान”

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