बिहार विधानसभा चुनाव में गठबंधन पार्टी भाजपा के मुक़ाबले तीस-पैंतीस सीट लाने वाला जदयू कुंबा बढ़ाने के प्रयास में इन दिनों जुटा हुआ है.इस बीच पार्टी को एक-एक कर क़ुदरत की तरफ से झटका लग रहा है.पहले पूर्व शिक्षा मंत्री नहीं रहे और अब पार्टी के एक अन्य विधायक शशिभूषण हजारी के निधन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निढाल कर दिया है.
पटना/मंथन डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव में गठबंधन पार्टी भाजपा के मुक़ाबले तीस-पैंतीस सीट लाने वाला जदयू कुंबा बढ़ाने के प्रयास में इन दिनों जुटा हुआ है.इस बीच पार्टी को एक-एक कर क़ुदरत की तरफ से झटका लग रहा है.पहले पूर्व शिक्षा मंत्री नहीं रहे और अब पार्टी के एक अन्य विधायक शशिभूषण हजारी के निधन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निढाल कर दिया है.दरभंगा के कुशेश्वरस्थान सीट से तीन बार विधायक रहे शशि भूषण ने लीवर में संक्रमण की वजह से दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली.उनका गुरुवार सुबह को निधन हो गया.
मुख्यमंत्री ने जताया शोक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधायक शशिभूषण हजारी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है.मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि स्वर्गीय शशि भूषण हजारी एक कुशल राजनेता एवं प्रसिद्ध समाजसेवी थे.वे गरीबों के उत्थान के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे,सामाजिक कार्यों में उनकी गहरी अभिरुचि थी,वह अपने क्षेत्र में लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे.उन्होंने अपने व्यक्तित्व के बदौलत समाज में सभी वर्गों का आदर एवं सम्मान प्राप्त किया। उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है.
घटता जा रहा जदयू का आंकड़ा
नीतीश कुमार बड़ी मशक़्क़त के बाद 43 विधायकों को जीता पाये थे.जबकि भाजपा ने 74 सीटों पर विजय पताका लहराया था.जदयू के लिए यह चिंता की बात थी.नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री का पद मुश्किल में पड़ गया था.बहरहल,कम सीट के बावजूद नीतीश को ही सरकार की कमान सौंपी गयी.मुख्यमंत्री बनने के बाद भाजपा के दबाव को कम करने के लिए जदयू ने कुंबा बढ़ाने का प्रयास तेज किया.बहुजन समाज पार्टी के इकलौते विधायक मोहम्मद ज़मा खान पर डोरा डाल कर पार्टी में शामिल कर लिया और उन्हें अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री की ज़िम्मेवारी दी गयी.उनके साथ ही पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के बेटे सुमित सिंह को भी जोड़ा.उन्हें मंत्री बनाया.फिर लोजपा के इकलौते विधायक राजकुमार सिंह को भी तोड़ कर पार्टी में मिला लिया.अभी कुंबा बढ़ाओ अभियान चल ही रहा था कि जदयू को अचानक झटका लगा.मुंगेर ज़िले के तारापुर के विधायक मेवालाल का कोरोना से निधन हो गया.
मेवालाल के बाद शशिभूषन भी नहीं रहे
मालूम हो कि बिहार विधानसभा चुनाव, 2020 में तारापुर सीट से चुनाव जीतने के बाद जेडीयू नेता को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट में जगह दी थी. हालांकि, 68 वर्षीय नेता के शिक्षा मंत्री बनने के बाद काफी विवाद हुआ था. विपक्ष ने दागी नेता को शिक्षा मंत्री बनाए जाने के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया था. इसी का नतीजा था कि शिक्षा मंत्री बनने के चंद घंटों के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था.जदयू को अब एक और झटका लगा है.कुशेश्वरस्थान के विधायक शशिभूषन भी नहीं रहे.शशिभूषण दरभंगा के कुशेश्वरस्थान सीट से तीसरी बार चुनाव जीतकर विधायक बने थे.साल 2010 में शशिभूषण हजारी ने भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता था लेकिन बाद में वह जदयू में शामिल हो गए थे. 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जदयू के टिकट पर चुनाव जीता और फिर 2020 के चुनाव में भी जीत हासिल की.
मोनाज़िर हसन ने भी जताया शोक
पूर्व मंत्री और जदयू नेता डॉ.मोनाज़िर हसन ने कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र से जदयू विधायक शशिभूषण हजारी के असामयिक निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति और शोक संतप्त परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें.