सेराज अनवर

PATNA:यह दृश्य AIMIM की प्रेस कॉन्फ़्रेन्स का है,पटना बेली रोड स्थित पार्टी के बिहार मुख्यालय में मीडिया का हुजूम.बाहर गाड़ियों का क़ाफ़िला.भारी गहमा-गहमी.पत्रकारों में न्यूज़ ब्रेक करने की आपाधापी.लोकसभा चुनाव में असद उद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM का क्रेज़ किसी क्षेत्रीय पार्टी से कम नहीं.उम्मीदवारों का आना-जाना.दावेदारों की भारी भीड़.मौक़ा पांच अन्य सीट पर उम्मीदवारी का ऐलान.पहले पार्टी ने 11 सीट पर उम्मीदवार देने की घोषणा की.AIMIM के टिकट का वैल्यू उछाल पर है.इसलिए सीटों में बढ़ोतरी होती जा रही है.बीस से पचीस सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी.

ये वही AIMIM है जिसके बारे में राजद को ग़लतफहमी हो गयी थीकि चार विधायक को तोड़ कर पार्टी का बिहार से वजूद मिटा दिया.लेकिन,अगर एक ईमान वाला भी शख़्स हो तो कोई किसी का ख़ात्मा नहीं कर सकता.एक विधायक अख़्तरुल ईमान पार्टी को फिर से एकजुट करने के लिए काफी थे.वह टूटे नहीं.उनके साथ पार्टी का एक कर्मठ नौजवान आदिल हसन थे.दोनों ने संकल्प लिया जवाब देना है और इस जोड़ी ने बहुत जल्द बिहार की राजनीति का नैरेटिव बदल दिया.आज पहले से ज़्यादा पार्टी मज़बूत दिख रही है.दो लोगों ने पार्टी को पुनः ताक़तवर बना दिया. ऐसा मज़बूत किया कि सीमांचल से लेकर मिथिलांचल तक और मगध से लेकर पाटलिपुत्र तक महागठबंधन ख़ास कर राजद की चूल हिला कर रख दी है.

आज पार्टी पूरे बिहार में खड़ी हो गयी है.जो भागे थे वह हाशिये पर हैं.प्रत्येक दिन लोग AIMIM की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं.आदिल संगठन का विस्तार दे रहे हैं तो अख़्तरुल ईमान राजनीतिक दिशा.दोनों में बेहतरीन सामंजस्य है जैसे नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की.अख़्तरुल ईमान और आदिल की जोड़ी ने बिहार में मुस्लिम राजनीति का नैरेटिव बदल कर रख दिया है.ऐसा ऐसा बदला कि अब कोई AIMIM को भाजपा का एजेंट नहीं कहता.एजेंट होने का ठप्पा मिट गया है.मुख़ालफ़िन भी अब AIMIM के क़ायल होने लगे हैं.ऐसा इसलिए हुआ कि महागठबंधन से मुसलमान मायूस है.मुसलमानों को महागठबंधन पूछ नहीं रहा है जबकि बेस वोट मुसलमान रहे हैं. मुसलमानों AIMIM का आकर्षण बढ़ा है.वह समुदाय के हक़ अधिकार की बात कर रही है.उचित उम्मीदवारी दे रही है.राजद की परेशानी इसी से बढ़ी हुई है.पार्टी को इस मुक़ाम तक पहुंचाने में इंजीनियर आफ़ताब ने अपने तजुर्बा का भरपुर इस्तेमाल किया.पार्टी मैनिफ़ेस्टों में भूमिका निभाई और जनता में AIMIM को स्वीकार्य बनाया

अख़्तरुल ईमान किशनगंज से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं.दो मोर्चे पर लड़ाई लड़ रहे हैं.एक तरफ़ कांग्रेस है दूसरे तरफ़ जदयू.चर्चे में अख़्तरुल ईमान है.मुसलमानों की पहचान हैं.उनके पास विजन है,विचारधारा है.जिस दिन चार विधायक टूटे थे पूरी पार्टी सकते में थी.रास्ता नहीं सूझ रहा था.बिहार में AIMIM के ख़त्म होने की भविष्यवाणी चल रही थी.पार्टी ने वहां से वापसी की है और मज़बूत वापसी की है.AIMIM के दफ़्तर में चहल पहल किसी राजनीतिक दल के दफ़्तर से कम नहीं है.चुनाव जैसे जैसे परवान चढ़ेगा AIMIM का क्रेज़ बढ़ता जायेगा.

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