मंथन डेस्क
PATNA:एजबेस्टन टेस्ट में भारतीय टीम को करारी हार मिली है. जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में भारतीय गेंदबाज 377 रनों का बचाव नहीं कर सके. वहीं, इंग्लैंड ने 3 विकेट खोकर आसानी से मैच अपने नाम कर लिया.टेस्ट के पहले तीन दिन हमारी टीम हावी रही.चौथे दिन इंग्लैंड ने फाइटबैक किया और पांचवें दिन दो घंटे के खेल में मैच अपनी झोली में डाल लिया.15 साल बाद इंग्लैंड में सीरीज जीतने का हमारा सपना चकनाचूर हो गया.45 साल में एज़बेस्टन में पहला टेस्ट जीतने का ख्वाब भी अधूरा रह गया.नए कप्तान जसप्रीत बुमराह जी-जान लगाने के बावजूद जीत से शुरुआत नहीं कर सके.
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब टीम इंडिया के खिलाफ किसी टीम ने 378 रनों का बड़ा टारगेट हासिल कर लिया हो.इंग्लैंड ने ना सिर्फ यह टारगेट हासिल किया,बल्कि जिस तरह से एकतरफा तरीके से यह टारगेट हासिल किया,उसने टीम इंडिया की कई कमियों को जगजाहिर कर दिया है.रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में इस मैच के लिए कमान जसप्रीत बुमराह को सौंपी गई थी.बुमराह ने जिस तरह से इंग्लैंड की पहली पारी में कप्तानी की,उससे सभी प्रभावित हुए थे,लेकिन दूसरी पारी में उनके अंदर अनुभव की कमी साफ नजर आई.
भारत ने पहली पारी में 416 रन बनाकर इंग्लैंड को पहली पारी में 284 रनों पर समेट दिया था.इसके बाद टीम इंडिया दूसरी पारी में महज 245 रनों पर ही ऑलआउट हो गई.378 रनों का टारगेट बहुत बड़ा देखने में तो लग रहा था,लेकिन जो रूट और जॉनी बेयरेस्टो ने जिस तरह से रनों का पीछा किया,उसके हिसाब से तो 500 का टारगेट भी कम ही होता.जो रूट 142 और बेयरेस्टो 114 रन बनाकर नॉटआउट लौटे.इंग्लैंड ने सात विकेट से मैच जीता और साथ ही सीरीज में 2-2 से बराबरी हासिल की.2021 में शुरू हुई टेस्ट सीरीज का ऐसा अंत शायद ही किसी भारतीय क्रिकेट फैन ने सोचा होगा
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