मंथन डेस्क

SUPAUL: रोजमाइन एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने एक बार फिर इतिहास रचने का काम किया है. हाजी एहसानुल हक़ ने रोजमाइन ट्रस्ट के सहयोग से सुपौल क्षेत्र के 1000 वैसे छात्र-छात्राओं को गोद लेकर पढ़ाने की ज़िम्मेवारी ली है जो आर्थिक तंगी की वजह से पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं.ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने 10वीं या 12वीं की परीक्षा पास की है.आगे पढ़ना चाहते हैं पर आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से अपने सपनों को उड़ान नहीं दे पा रहे हैं, रोजमाइन एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट उनके लिए उम्मीद बनकर सामने आया है.


मिन्नत फाउंडेशन एवं रोजमाइन के सहयोग से रविवार को स्थानीय गांधी मैदान में आयोजित शिक्षा पर सबका अधिकार कार्यक्रम में 5000 से अधिक छात्र-छात्राओं के साथ देश भर के 20 कॉलेजों के चेयरमैन व डायरेक्टर शामिल हुए.बाढ़ से बेहाल कोसी में यह दूसरा शिक्षा मेला है,जिसमें लोग इस बात का गवाह बने कि देश में एक ऐसी भी शिक्षा संस्थान है जो ग़रीब,जरूरतमंद छात्र-छात्राओं के अंधकारमय भविष्य में कैरियर का उजाला लेकर आया है.मालूम हो कि इससे पूर्व रोज़माइन ने सिमरीबख़्तियारपुर में इतने छात्र-छात्राओं को गोद लेकर पढ़ाई की ज़िम्मेवारी ली है.सिमरी बख्तियारपुर के विधायक यूसुफ सलाउद्दीन गवाह हैं रोजमाइन की योजना संकल्प का, पिछले साल इनके माध्यम से 1000 छात्र-छात्रा कॉलेज गए जो काफ़ी खुश हैं और अपनी पढ़ाई कर रहे हैं.

रोजमाइन ट्रस्ट के चेयरमैन व नेशनल कैरियर काउंसलर अवैस अंबर ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश की हालत को ठीक करने के लिए सबसे पहले शिक्षा व्यवस्था को सुधारना जरूरी है.कोसी क्षेत्र के ऐसे छात्र-छात्रा जो मेधावी तो हैं लेकिन संसाधनों की कमी की वजह से अपनी उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर पा रहे उन्हें हाजी एहसानुल हक़ रोजमाइन ट्रस्ट के सहयोग से गोद लेकर पढ़ाने के लिए आगे आयें हैं.इसके लिए मैं इनका शुक्रिया अदा करता हूं. श्री अंबर ने कहा कि एडमिशन के लिए किसी प्रकार की परीक्षा की जरूरत नहीं है. डायरेक्ट एडमिशन का प्रवधान है,क्रेडिट कार्ड योजना एक कर्ज है इसे वापस करना है लेकिन ट्रस्ट की स्कॉलरशिप योजना संकल्प एक स्कॉलरशिप प्रोग्राम है जिसे वापस नहीं करना है.


कार्यक्रम में मौजूद डॉ अजय कुमार सिंह ( सदस्य बिहार विधान परिषद कोसी क्षेत्र) ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए ट्रस्ट का शुक्रिया अदा किया.राजद के एमएलसी क़ारी सुहैब ने कहा कि जिसने वक्त की क़द्र नहीं की वक्त उसको ठोकर मार देता है. पहली बार आपके जिला सुपौल में कोई कुछ देने आया है आपको गोद लेकर पढ़ाने आया है, इस मौके को गंवाना नहीं है. बिना किसी फायदे के आज कोई एक चवन्नी नहीं ख़र्च करता है लेकिन कोई आपके बच्चों के कॉलेज में लगने वाले पूरे ट्यूशन-फी की जिम्मेदारी उठा रहा है ये बड़ी बात है. देश भर के कॉलेजों से आये पदाधिकारियों का धन्यवाद जिन्होंने इस पिछड़े इलाके को संवारने की कोशिश की.

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