मंथन डेस्क

NEWDELHI:मुस्लिमों में बहुविवाह और निकाह-हलाला प्रथा को संवैधानिक चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पांच जजों की बेंच सुनवाई करेगी.आज(20 जनवरी)सुप्रीम कोर्ट में इससे जुड़ी याचिका पर सुनवाई थी.इस मामले पर पीआईएल दाखिल करने वालों में से एक वकील अश्विनी उपाध्याय की ओर से दाखिल जवाबों पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने कहा कि इस मामले पर एक नई पांच जजों की बेंच का पुर्नगठन किया जाएगा.

मालूम हो कि भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय समेत कुछ मुस्लिम महिलाओं नायसा हसन, शबनम, फरजाना, समीना बेगम और मोहसिन कथिरी ने बहुविवाह और निकाह हलाला की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए याचिका दायर की हैं.याचिकाकर्ताओं का कहना है कि बहुविवाह और निकाह-हलाला जैसी प्रथाओं से मुस्लिम महिलाओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है.सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2018 में इस याचिका पर सुनवाई करने का फैसला लिया था. जिसके बाद ऐसी ही अन्य याचिकाओं को संवैधानिक बेंच के पास भेज दिया गया था.

बीते साल 30 अगस्त को मामले की सुनवाई कर रही पांच जजों की बेंच में जस्टिस इंदिरा बनर्जी, हेमंत गुप्ता, सूर्य कांत, एमएम सुंदरेश और सुधांशु धूलिया शामिल थे. इस बेंच ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को नोटिस जारी कर मामले पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा था.

तीन तलाक़ की समाप्ति के बाद ही कहा गया था कि मुस्लिम महिलाओं के हित में मोदी सरकार दो और बड़े फैसले लेने जा रही है. सरकार तीन तलाक के बाद निकाह हलाला और बहुविवाह को खत्म करने तैयारी में है.सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (20 जनवरी) को कहा कि मुस्लिमों में बहुविवाह और निकाह हलाला प्रथा को संवैधानिक चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पांच जजों की बेंच सुनवाई करेगी.

By admin

7 thoughts on “तीन तलाक के बाद अब बहुविवाह और हलाला का आया नंबर. . . क्या है पूरा मामला?”
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