एक बार लालू प्रसाद ने लाल कृष्ण आडवाणी को गिरफ़्तार क्या कर लिया,वोट की सूरत में 33 वर्षों से राजद(जनता दल)मुसलमानों से लगान वसूल रहा है.तब से लेकर आज तक तीन दशक में मुस्लिम समाज लालू प्रसाद के लिए एक पैर पर खड़ा रहा .अपना धर्म-जाति का उम्मीदवार हरा कर भी राजद के लोगों ,लालू की जाति को विधानसभा और लोकसभा भेजता रहा .लेकिन मुसलमानों मिला क्या ?

मंथन डेस्क

PATNA:जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय संयोजक अशफ़ाक़ रहमान ने राजद को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि पार्टी को दोगली नीति से बाज़ आना चाहिये.पहली बात तो यह कि मुसलमान बंधुआ वोटबैंक नहीं है और न राजद से रजिस्ट्री हो गयी है कि जीवन भर उसे ही मुसलमान वोट करते रहेंगे.राजद की तिलमिलाहट समझ से परे है.गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में मुसलमानों ने भाजपा को वोट नहीं दिया बल्कि उस पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में वोट डाला जो अपनी सियासत और अपनी क़यादत की बात करती है.राजद मुस्लिम क़यादत को पसंद नहीं करता है,कथित सामाजिक न्याय की इस पार्टी ने मोहम्मद शहाबुद्दीन से लेकर अब्दुल बारी सिद्दीक़ी तक के नेतृत्व को कभी उभरने नहीं दिया.मुसलमान अब इस बात को समझने लगे हैं.गोपालगंज सीट मुसलमानों की रही है.राजद माय समीकरण की नींव पर टिका है.जिसका सबसे मज़बूत स्तम्भ मुसलमान है.बावजूद इसके रियाज़ुल हक़ राजू का टिकट काट कर गुप्ता जी को उम्मीदवार बना दिया गया.यह जानते हुए कि वैश्य समुदाय भाजपा का कोर वोटर है और हुआ भी यही.मोहन गुप्ता को स्वजातीय वोट नहीं मिला.

मोहन गुप्ता से राजद को कोई प्रोब्लम नहीं है.उससे राजद नहीं पूछ रहा कि आपकी जाति ने आपको वोट क्यों नहीं किया?मोहन गुप्ता को कोई भाजपा का एजेंट नहीं कह रहा.

अशफ़ाक़ रहमान कहते हैं कि मोहन गुप्ता से राजद को कोई प्रोब्लम नहीं है.उससे राजद नहीं पूछ रहा कि आपकी जाति ने आपको वोट क्यों नहीं किया?मोहन गुप्ता को कोई भाजपा का एजेंट नहीं कह रहा.तेजस्वी यादव अपने परिवार पर राजद की हार का ठीकरा नहीं फोड़ रहे.उनकी मामी इन्दिरा यादव आठ हज़ार से अधिक वोट लायी.साधु यादव की पत्नी को मिला वोट ज़ाहिर सी बात है यादव जाति का ही होगा.मामा साधु यादव को तेजस्वी भाजपा का एजेंट नहीं बता रहे.राजद यह स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि यादव वोट में साधु यादव ने सेंधमारी की जिसकी वजह से भाजपा जीत गयी.इस सब के बावजूद बलि का बकरा सिर्फ ओवैसी साहब को बनाया जा रहा है.

आज जब मुसलमान जाग चुका है तो राजद को बड़ी बेचैनी हो गयी. पिछले विधानसभा चुनाव में ओवैसी ने बिहार में दस्तक दिया और कुछ सीट जीते भी तो उनके विधायक हाइजैक कर लिए गए.

ओवैसी के नाम पर पूरे मुसलमानों को उल्टा-सीधा कहा जा रहा है.राजद द्वारा कहलवाया जा रहा है.अशफ़ाक़ रहमान ने गोपालगंज के मुसलमानों का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि आपने जिस राजनीतिक सुझबूझ का परिचय दिया है,इससे अन्य जगहों पर भी मुसलमानों को मानसिक ग़ुलामी से निकलने में मदद मिलेगी.उन्होंने कहा कि एक बार लालू प्रसाद ने लाल कृष्ण आडवाणी को गिरफ़्तार क्या कर लिया,वोट की सूरत में 33 वर्षों से राजद(जनता दल)मुसलमानों से लगान वसूल रहा है.तब से लेकर आज तक तीन दशक में मुस्लिम समाज लालू प्रसाद के लिए एक पैर पर खड़ा रहा .अपना धर्म-जाति का उम्मीदवार हरा कर भी राजद के लोगों ,लालू की जाति को विधानसभा और लोकसभा भेजता रहा .लेकिन मुसलमानों मिला क्या ? बस भाजपा का डर दिखा कर मुस्लिम वोट बैंक पर क़ाबिज़ हो गये.आज जब मुसलमान जाग चुका है तो राजद को बड़ी बेचैनी हो गयी. पिछले विधानसभा चुनाव में ओवैसी ने बिहार में दस्तक दिया और कुछ सीट जीते भी तो उनके विधायक हाइजैक कर लिए गए.

मुसलमानों का भी उतना ही क़ुसूर है जब आप 33 वर्षों से बंधुआ की तरह एक ही पार्टी को वोट करते रहेंगे तो नतीजा यही होना है.गोपालगंज ने एक दिशा दिखाई है मुसलमानों को आगे भी इसी रास्ते पर चलना चाहिये.जब जागे,तब सवेरा


अशफ़ाक़ रहमान सवाल उठाते हैं कि आज लालू प्रसाद के छोटे पुत्र 5 बड़े विभाग के मंत्री है.खुद उनके समाज से 8+1 मंत्री पद पर विराजमान हैं.महागठबंधन में कितने मुस्लिम मंत्री बनाए गए?और जो बनाये गए उन्हें कितना पावरफुल मंत्रालय दिया गया?क्या दो उप मुख्यमंत्री नहीं हो सकते थे ? एक मुस्लिम या अति पिछड़ा ? क्या इनके पास कुछ एक महत्वपूर्ण विभाग नही हो सकते थे ?आज गोपालगंज में ओवैसी का बिना सिंबल प्रयोग किए उम्मीदवार ने 12,000 से अधिक वोट ले आया तो क्या गुनाह किया ? क्यों इस समाज को सुबह-शाम गाली दी जा रही है? क्यों यह धारणा है कि यह समाज किसी का बंधक है ?इसमें मुसलमानों का भी उतना ही क़ुसूर है जब आप 33 वर्षों से बंधुआ की तरह एक ही पार्टी को वोट करते रहेंगे तो नतीजा यही होना है.गोपालगंज ने एक दिशा दिखाई है मुसलमानों को आगे भी इसी रास्ते पर चलना चाहिये.जब जागे,तब सवेरा

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published.