मंथन डेस्क
PATNA:लगता है असद उद्दीन ओवैसी ने राजद की नींद हराम करने की ठान ली है.भाजपा का एजेंट कहने से उन पर कोई असर नहीं पड़ रहा है.बल्कि ओवैसी ने इसे गम्भीरता से ले लिया है.कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवार देने से पहले एआइएमआइएम ने पटना यूनिवर्सिटी का छात्रसंघ चुनाव को दिलचस्प बना दिया है.पार्टी ने सबा क़ुतुब पर दांव खेल दिया है.ओवैसी की सिपहसलार सबा उपाध्यक्ष पद की उम्मीदवार है.19 नवंबर को होना वाला चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि को ओवैसी की पार्टी ने चुपचाप अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया.जिससे बिहार में सियासत की नर्सरी कहे जाने वाली पटना यूनिवर्सिटी का चुनावी माहौल अचानक गरम हो गया है.

गोपालगंज में राजद की शिकस्त की वजह बनने के बाद ओवैसी की पार्टी का हौसला इतना बुलंद है कुढ़नी में भी उम्मीदवार देने का एलान कर दिया है. कहा जा सकता है कि एआइएमआइएम तेजस्वी यादव के पीछे पड़ गए है.यह बात बिहार की सियासत में चर्चा का विषय बना हुआ है.ओवैसी बिहार की राजनीति में तेजी से अपने पैर पसार रहे हैं.इससे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की पार्टी राजद की मुश्किलें बढ़ गई हैं.विधानसभा उपचुनाव में तेजस्वी का खेल बिगाड़ने के बाद अब ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने पटना यूनिवर्सिटी के छात्र संघ चुनाव में भी एंट्री मार ली है.पार्टी ने सबा कुतुब को उपाध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया है.सबा एमएससी सांख्यिकी की छात्रा हैं.

पीयू छात्र संघ का चुनाव परिणाम कुढ़नी उपचुनाव पर भी प्रभाव डालेगा.एमआइएम के प्रदेश प्रवक्ता आदिल हसन आज़ाद ने समय मंथन को बताया कि पीयू में मुक़ाबला दिलचस्प होगा और उसके बाद कुढ़नी में नज़ारा बदल जायेगा.जल्द ही कुढ़नी के लिए प्रत्याशी की घोषणा की जायेगी.चुनाव लड़ना तय है.सन ऑफ़ मल्लाह,सन ऑफ़ यादव तो सन ऑफ़ सिमांचल क्यों नहीं हो सकता है,सन ऑफ़ मुसलमान क्यों नहीं हो सकता है.राजद को पार्टी तोड़ने का शौक़ है तो बैरिस्टर ओवैसी और अख़्तरुल ईमान ने भी ठान लिया है एमआइएम को कैसे आगे बढ़ाना है और इसके लिए हर जतन किया जायेगा.सबा क़ुतुब पीयू की लोकप्रिय छात्रा हैं.चुनावी नज़ारा बदल कर रख देगी.

सबा कुतुब का मुकाबला वैसे तो एबीवीपी, एनएसयूआई, छात्र जदयू समेत सभी छात्र संगठनों से होगा.मगर असल में खेल राजद का ही बिगाड़ेगी.क्योंकि,राजद का कोर वोटर यादव के साथ मुसलमान भी है.मुसलमानों पर ओवैसी का भी फ़ोकस है. यदि सबा कुतुब मुस्लिम छात्रों को रिझाने में सफल हो गयी तो छात्र राजद के वोट छिटक सकते हैं.ऐसे में छात्र राजद को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.गोपालगंज उपचुनाव के नतीजों को देखें तो साफ पता चलता है कि एआइएमआइएम द्वारा मुस्लिम वोटबैंक में सेंधमारी के कारण राजद उम्मीदवार की हार हुई.ऐसे में कहा जा रहा है कि आने वाले समय में तेजस्वी के लिए ओवैसी नई चुनौती बनकर उभरने वाले हैं.