मंथन डेस्क

NEW DELHI:उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर बिहार सरकार ने एकदिन (10.10.2022) का राजकीय शोक घोषित किया.अंतिम संस्कार कल सैफई में राजकीय सम्मान के साथ होगा,सीएम योगी ने यह ऐलान किया.तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 1 अक्टूबर को आईसीयू में भर्ती कराया गया था. मुलायम सिंह के निधन के बाद समाजवादी परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है. उनकी तबीयत बिगड़ने की सूचना पर बेटे अखिलेश यादव, भाई शिवपाल यादव और बहू अपर्णा यादव दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे. बता दें कि तीन महीने पहले उनकी पत्नी साधना गुप्ता का भी निधन हो गया था.

22 नवंबर 1939 को सैफई में जन्मे मुलायम सिंह यादव की पढ़ाई-लिखाई इटावा, फतेहाबाद और आगरा में हुई.मुलायम कुछ दिन तक मैनपुरी के करहल में जैन इंटर कॉलेज में प्राध्यापक भी रहे.पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर मुलायम सिंह की दो शादियां हुईं.पहली पत्नी मालती देवी का निधन मई 2003 में हो गया था.अखिलेश यादव मुलायम की पहली पत्नी के ही बेटे हैं.उनके निधन पर राजनेताओं से लेकर आम लोगों तक ने दुख जताया है

जवानी के दिनों में पहलवानी का शौक रखने वाले मुलायम सिंह ने 55 साल तक राजनीति की.मुलायम सिंह 1967 में 28 साल की उम्र में जसवंतनगर से पहली बार विधायक बने.जबकि उनके परिवार का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था.5 दिसंबर 1989 को मुलायम पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.बाद में वे दो बार और प्रदेश के सीएम रहे.उन्होंने केंद्र में देवगौड़ा और गुजराल सरकार में रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली.नेताजी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह सात बार लोकसभा सांसद और नौ बार विधायक चुने गए

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