बिहार में किसी जाति द्वारा जिरगा बुलाये जाने का यह पहला वाक़या है.पहल राष्ट्रीय मंसूरी महापंचयत ने की है.इससे बिहार की राजनीति और मुस्लिम समाज में हलचल मच गयी है.जिरगा में बहुत लोग जुटे,राज्य के अड़तीस जिले से प्रतिनिधि पहुंचे.नाइंसाफ़ी को लेकर आवाज़ उठी,निर्णायक लड़ाई की रणनीति बनी.
पटना/मंथन डेस्क
राष्ट्रीय मंसूरी महापंचायत के नेता डॉ॰ फिरोज मंसूरी ने कहा कि नकली सेल्यूलरिज्म अब नहीं चलेगा .वोट हमारा तो राज भी हमारा.
नूरबाशा हाऊस आलमगंज में आयोजित बैठक में बिहार के 38 जिला के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.जिरगा का विषय था ” मंसूरी समाज कल आज और कल “जिरगा की सदारत करते हुए प्रो०डा०फिरोज मंसूरी ने कहा कि बिहार में मंसूरी समाज की हालत दलित से बदतर है .यह समाज हर फिल्ड में पीछे है .सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक व सियासी पिछड़ेपन की वजह से अन्य समाज की बदौलत यह निम्न स्तर पर पहुंच गया है .अगर जल्दी इनका इलाज ना कराया गया तो वह दिन दूर नहीं जब मंसूरी धुनिया समाज विलुप्त हो जायेगा.राज्य सरकार को इनके विशेष संरक्षण की आवश्यकता है .डॉ॰ फिरोज मंसूरी ने कहा कि इस मसले का हल पसमांदा बेरादरी के एकता से भी संभव है .जिसकी पहल राष्ट्रीय मंसूरीमहापंचायत लगातार कर रही है .
जिरगा को सम्बोधित करते हुये पूर्व प्रशासनिक पदाधिकारी मंजूर अली (IAS) मंसूरी ने कहा कि पटना में मंसूरी समाज का अपना एक ऑफिस खोला जाए.ये दफ्तर किराया पर या लीज़ पर फिलहाल लिया जा सकता है.अनवर मंसूरी ने कहा कि प्रत्येक जिले से अलग अलग फील्ड के पेशेवर/ टेक्नोक्रेट/डॉक्टर/ इंजीनियर/ ब्यूरोक्रेट्स/ प्रोफ़ेसर/टीचिंग लाइन से जुड़े कामयाब लोगों का अलग से बायोडाटा तैयार किया जाए.
मोहम्मद निजामुद्दीन मंसूरी ने कहा कि जो बच्चे पटना में रहकर सिविल सर्विसेज की तैयारी करना चाह रहे हैं, उनके लिए भी कोई तलाश किया जाये. सज्जाद मंसूरी ने कहा की जो बहुत अच्छा बोलते है उन्हे राजनीतिक कमिटी में रखकर अपने समाज के बारे में सरकार तक बातें पहुंचाई जा सकती है.मिन्हाज मंसूरी,इसराईल मंसूरी,फजल मंसूरी ,शमीम मंसूरी,मुन्तशिर मंसूरी,तारीक इकबाल मंसूरी,डा० जेड मंसूरी, सैफ आलम मंसूरी, फारुख मंसुरी ,सोनू मंसूरी,एहसान मंसूरी, सद्दाम मंसूरी ,एजाज मंसूरी ने भी जिरगा को सम्बोधित किया. जिरगा के सभी सदस्यों ने अगली बैठक बिहार के प्रत्येक जिले में आयोजित करने हेतू प्रो०डा०फिरोज मंसूरी को अधिकृत किया.