मधुबनी/करीमुल्लाह


पेगासस जासूसी मामला अब देश स्तर से लेकर जिला स्तर तक गरमाता जा रहा है.जिला कांग्रेस ने मंगलवार को इस मुद्दे पर धरना-प्रदर्शन किया.
सभा को संबोधित करते हुए अध्यक्ष प्रोफेसर शीतलाम्बर झा ने कहा कि पेगासस जासूसी मामले में सर्वोच्च न्यायलय की निगरानी में जांच होनी चाहिये.साथ ही गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग भी करता हूं.उन्होंने बताया कि
इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की मदद से भारतीय राजनेताओं न्यायधीशों, पत्रकारों, नागरिक अधिकारों के लिए सक्रिय कार्यकर्त्ताओं सहित 121 प्रमुख भारतीय लोगों के फोन टैपिंग विवाद में केन्द्र सरकार की संलिप्तता देश की आंतरिक सुरक्षा के साथ गंभीर आपराधिक मामला है.

इजरायली एनएसओ कम्पनी द्वारा विकसित पेगासस सॉफ्टवेयर की मदद से भारतीय सरकार विपक्ष के नेताओं जिनमें कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी और उनके कार्यालय तक का फोन टैप करवाए जाने की बात सामने आई है.देश की आंतरिक सुरक्षा को विदेशी कम्पनी के हाथों गिरवी रखने वाला यह कुकृत्य है.इस कृत्य को सीधे-सीधे नागरिक अधिकारों से जोड़कर देखा जाना चाहिए साथ ही ये निजता के हनन का मामला है.

किसी भी लोकतांत्रिक देश में तानाशाही रवैये के साथ प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा अपने ही देश के प्रमुख नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाना बेहद ही गलत काम है.इस कम्पनी की नीतियों के अनुसार इस सॉफ्टवेयर को केवल देश की चयनित सरकारों और उनकी एजेंसियों को ही बिक्री के लिए उपलब्ध कराया गया है.

सिटीजन रिपोर्ट में बताया गया है कि एमटीएनएल जैसी राष्ट्रीय सम्प्रभुता के टेलीफोन और इंटरनेट प्रदाता कम्पनी तक को इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से नियंत्रित किया गया तथा उसके चयनित उपभोक्ताओं पर नजर रखी गयी.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सशंकित है कि उनकी भी जासूसी की जा रही है.उन्हें इस बात का भय निश्चित तौर पर है कि उन्हें ही सहयोगी उनकी जासूसी करवा रहे है.

2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान अप्रैल-मई में भी इस सॉफ्टवेयर के जरिए सेलफोन से डाटा चुराया जा रहा था.नए आईटी मंत्री द्वारा देश को बरगलाने के लिए गलतबयानी की गई.उन्होंने ऐसे किसी भी सॉफ्टवेयर के उपयोग से अनभिता चाहिए की जबकि, पूर्व आईटी मंत्री ने स्वयं 28 नवम्बर 2019 को 121 लोगों की जासूसी की बात खुलेआम स्वीकार की थी.महामहिम को समर्पित ज्ञापन के माध्यम से जिला कांग्रेस देश के प्रधानमंत्री से जवाब मांगती है कि :

• भारतीय सुरक्षा बल, न्यायपालिका, कैबिनेट मंत्री, विपक्ष के नेताओं, पत्रकारों की ताकझांक में विदेशी सॉफ्टवेयर की मदद लेना गलत कृत्य है या नहीं ?

• अप्रैल-मई 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार राहुल गांधी के कार्यालय सहित अन्य प्रमुख लोगों की जासूसी करवाने वाली इस सरकार की मंशा क्या थीं.

● कितने रूपयों से इस सॉफ्टवेयर की खरीद की गई और किसके आदेश से यह खरीद हुई ?

• सरकार को जब पता था कि 2019 से जासूसी का कार्य अनवरत चल रहा है तो उसने चुप्पी क्यों साध रखी थी ?

• राष्ट्रीय आंतरिक मसलों को विदेशी कम्पनी के हाथों गिरवी रखने के एवज में क्या गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा नहीं देना चाहिए ?

• प्रधानमंत्री, गृह मंत्री सहित जासूसी प्रकरण में संलिप्त सभी लोगों पर सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में सम्पूर्ण जाँच होनी चाहिए. साथ ही दोषियों को चिन्हित करके कार्रवाई की जानी चाहिए

• देश में ऑक्सीजन खरीद और कोरोना मृतकों के परिजनों को देने के लिए मुआवजा राशि नहीं है, वैसे में इतने महंगे सॉफ्टवेयर की खरीद सरकार कर रही है ये कहाँ तक न्यायसंगत है ?

• इन मुद्दों को लेकर देश की सबसे पुराना राजनितीक दल भारत के वर्तमान सरकार के कुकृत्यों से सशंकित है.इसे लेकर कांग्रेस पार्टी महामहिम के माध्यम से माननीय राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन सौंप गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग करती है.साथ ही पेगासस जासूसी प्रकरण की जाँच को सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में संचालित करने की मांग भी कांग्रेस पार्टी करती है.
इस सभा में बैठे मौजूद मोहम्मद साबिर हुसैन, बैद्यनाथ झा ,कुसुम कांत झा ,अनिल चंद्र झा, पितांबर मिश्र, सुरेश चंद्र झा, मुकेश कुमार पप्पू, ज्योति रमन झा ,जय कुमार झा, अब्दुल देयान हाशमी, अबू बकर, मोहम्मद शमशेर, फैजान, अहमद सुशील कुमार झा ,सोहन कामत ,सुरेंद्र मिश्र, सरवन ठाकुर ,किरण पासवान, सुरेंद्र महतो, अशोक कुमार चौधरी, गणेश झा,दीपक कुमार सिंह,मीना देवी कुशवाहा, सुरेश चंद्र झा,गंगाधर पासवान,ललन कुमार झा,ज्योति झा,सुरेंद्र मिश्रा,कालिश चन्द्र झा,बबिता चौरसिया, सुनील पासवान,सीतेश पासवान,प्रफुल्ल चन्द्र झा,ऋषिदेव सिंह,अनुरंजन सिंह,शुभंकर झा,मो नसरुल्लाह हसन,शिबनाथ ठाकुर,रामबाबू यादव,शमसुल हक,पीताम्बर झा,नलनी रंजन झा,अमित सिंह,अलोक कुमार झा,कपिलदेव झा,राधेश्याम राय,जयमोहन झा,आदि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे.

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